बताया जा रहा है कि पेशे से पेट्रोलियम इंजीनियर दुबई से लौटने के बाद 21 मार्च को कोरोना के लक्षण नजर आए थे। उसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। 24 मार्च को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। उसके बाद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उन्हें भर्ती करवाया गया है। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 4 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी हो गई।
होम क्वारंटीन में हैं इंजीनियर
जानकारी के अनुसार, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें होम क्वारंटीन में रहने को कहा है। लेकिन पड़ोसियों ने पूरे परिवार को परेशान कर दिया है। पड़ोसियों की हरकत से इंजीनियर और उनके परिवार के लोग इतने परेशान हो गए कि घर बेचकर मोहल्ला ही छोड़ देने का मन बना लिया और घर के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' का बोर्ड लगा दिया।
ताना मारते हैं पड़ोसी
जानकारी के अनुसार, पड़ोसी दूध और सब्जी वाले तक उनके घर के पास जाने से मना करते हैं। साथ ही परिवार का कोई सदस्य बाहर निकलता है तो ताना मारते हैं। इंजीनियर और उनका परिवार पड़ोसियों के व्यवहार से इस कदर परेशान हो गए हैं कि परिवार के साथ इस मोहल्ले को ही छोड़ने का फैसला कर लिया और घर के बाहर 'मकान बिकाऊ है' का बोर्ड लगा दिया है।
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