एंटी करप्शन न्यूज़ आकाश खटीक
शिवपुरी। कोरोना के फेर में देशभर में किए गए लॉकडाउन में गरीब की कमर तो टूट ही गई, वहीं यात्री बस ऑपरेटर व ऑटो वालों की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब हो गई। उनका कहना है कि लॉकडाउन में जैसे सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर दुकानें खोलने की परमीशन दे दी, वैसे ही हमें भी कुछ ऐसी ही शर्त रखते हुए अपना धंधा करने की छूट दी जाए। क्योंकि हमारे वाहनों के पहिए थमे हुए हैं, लेकिन उन पर टैक्स तो लग ही रहा है, साथ ही बैंक की किश्तें भी चल रही हैं। ज्ञात रहे कि शिवपुरी में बेरोजगारी के चलते डेढ़ हजार से अधिक ऑटो चलते थे, जो लॉकडाउन में बंद होने से इन परिवारों की स्थिति भी बिगडऩे लगी है।
गौरतलब है कि 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद किए गए लॉकडाउन में यात्री वाहनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया, जिसके चलते यात्री बसों के अलावा ऑटो का संचालन भी रोक दिया गया। बस संचालकों व ऑटो वालों ने अपने वाहन घर पर खड़े कर दिए। जिसके चलते उनकी हर दिन की होने वाली इनकम भी पूरी तरह से ठप हो गई। बस ऑपरेटर ने जहां बैंक से फायनेंस करवाकर वाहन खरीदा है, वहीं कई ऑटो वालों की भी बैंक की किश्त लगातार चल रही है।
ऐसे में इनके सामने बड़ा सवाल यह है कि इनकम पूरी तरह से बंद हो जाने से परिवारों में फांकाकशी की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में बैंक की किश्त व परिवहन विभाग का टैक्स कैसे जमा कर पाएंगे। यह बात सही है कि ऑटो व यात्री बसों में सोशल डिस्टेंस का पालन पूरी तरह से नहीं हो पाएगा, लेकिन बस व ऑटो वाले इस बात में भी तैयार हैं कि यदि हमें कम यात्री बिठाकर भी वाहन चलाने की परमीशन दे दी जाए, तो हम उसमें भी तैयार हैं, क्योंकि कुछ नहीं से तो इतना सहारा बहुत कुछ हो जाएगा।
कम सवारी में भी चलाने को तैयार
हमारी गाडिय़ां एक माह से घर पर खड़ी हैं, उन पर परिवहन विभाग का टैक्स व बैंक की किश्त लगातार चल रही हैं। ऐसे में जबकि हमारा पूरा धंधा ही ठप पड़ा है तो हम टैक्स व किश्तें कहां से चुका पाएंगे। अपने बच्चों व परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। हम कम सवारी में जिले के अंदर ही बस चलाने को भी तैयार हैं।
रणवीर सिंह यादव, अध्यक्ष बस ऑपरेटर यूनियन शिवपुरी
हमारी गाडिय़ां एक माह से घर पर खड़ी हैं, उन पर परिवहन विभाग का टैक्स व बैंक की किश्त लगातार चल रही हैं। ऐसे में जबकि हमारा पूरा धंधा ही ठप पड़ा है तो हम टैक्स व किश्तें कहां से चुका पाएंगे। अपने बच्चों व परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। हम कम सवारी में जिले के अंदर ही बस चलाने को भी तैयार हैं।
रणवीर सिंह यादव, अध्यक्ष बस ऑपरेटर यूनियन शिवपुरी
घर चलाना हो रहा मुश्किल
ऑटो बैंक से फायनेंस करवाया था, एक माह से धंधा बंद है, घर का खर्चा चला नहीं पा रहे, ऐसे में बैंक की किश्त कहां से जमा कराएंगे। ऑटो बंद हो जाने से पारिवारिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। यदि दो सवारियों पर भी ऑटो चलाने की परमीशन दे दी जाए, तो भी हम तैयार हैं।
अशोक सिंह, ऑटो चालक
ऑटो बैंक से फायनेंस करवाया था, एक माह से धंधा बंद है, घर का खर्चा चला नहीं पा रहे, ऐसे में बैंक की किश्त कहां से जमा कराएंगे। ऑटो बंद हो जाने से पारिवारिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। यदि दो सवारियों पर भी ऑटो चलाने की परमीशन दे दी जाए, तो भी हम तैयार हैं।
अशोक सिंह, ऑटो चालक
यह बोलीं जिला परिवहन अधिकारी
वाहनों का संचालन कब से शुरूहोगा, यह निर्णय शासन को करना है। ऑटो का तो लाइफ टाइम टैक्स जमा होता है, यात्री बसों पर टैक्स लगेगा या माफ किया जाएगा, यह निर्णय भी शासन को ही लेना होगा।
मधु सिंह, जिला परिवहन अधिकारी शिवपुरी
वाहनों का संचालन कब से शुरूहोगा, यह निर्णय शासन को करना है। ऑटो का तो लाइफ टाइम टैक्स जमा होता है, यात्री बसों पर टैक्स लगेगा या माफ किया जाएगा, यह निर्णय भी शासन को ही लेना होगा।
मधु सिंह, जिला परिवहन अधिकारी शिवपुरी
एसपी 23001- शिवपुरी बस स्टैंड पर एक माह से खड़ी यात्री बसें
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