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लॉकडाउन ने किया ज्वेलर्स को निराश, सोने के भाव उच्च स्तर पर shivpuri news


शिवपुरी। कोरोना फैलने से रोकने के लिए देशभर में किए गए लॉकडाउन में अन्य दुकानों की तरह ज्वैलर्स की दुकानें भी बंद रहीं। बाजार भले बंद रहा, लेकिन सोने के दाम इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ते रहे।
जैसे ही लॉकडाउन में राहत देकर सोने-चांदी की दुकानें खोलने की परमिशन मिली, तब तक सोने के दाम इतने बढ़ चुके थे कि लोगों की मांग कम हो गई तथा दुकानों पर उतनी खरीदारी नहीं रहीं।
विवाह का मुख्य सीजन निकल गया है और अब जो शादियां होना हैं, उनमें जरूरी आयटम ही खरीदे जा रहे हैं, जिससे रस्में पूरी हो सकें। चौथे लॉकडाउन के शुरू होने तक सोने के दाम में 5 हजार तक का इजाफा हो गया।
ज्ञात रहे कि बीते 22 मार्च के बाद शुरू हुए पहले लॉकडाउन के समय सोने के दाम 40 से 41 हजार तौला थे, लेकिन उसके बाद से सोने-चांदी की दुकानें बंद कर दी गईं तो दुकानदार भी हाथ पर हाथ रखकर बैठ गए।
दुकानें तो बंद रहीं लेकिन सोने के दाम इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ते रहे, तथा शेयर मार्केट व डिब्बा कारोबार चालू रहा, जिसमें खरीदारी व बिक्री होती रही।
इधर जब हालात सुधरे और ज्वैलर्स की दुकानें खुलीं तो आमजन के साथ दुकानदार भी निराश थे, क्योंकि तब तक सोने के दाम 5 हजार तक बढ़ चुके थे।
दुकान बंद होने के बाद और खुलने से पहले तक सोने के दाम में हुई बढ़ोत्तरी का असर ज्वैलर्स की दुकानों पर नजर आ रहा है। अधिकांश विवाह तो हो चुके हैं तथा जो रह गए हैं, उनमें भी अब बड़े आयटम खरीदने की बजाए मंगलसूत्र के लिए पैंडल व अंगूठी खरीदकर ही रस्म अदायगी कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना के फेर में पहले ही शादियों में भीड़भाड़ खत्म हो चुकी है, ऐसे में चढ़ाए जाने वाले जेवरों की भी गिनती कम हो गई।
यह बोले ज्वैलर्स
लॉकडाउन से पहले सोने का रेट 40-41 हजार तौला था, लेकिन अब वो 45 हजार तौला हो गया। इसलिए अब बड़े आयटम को छोड़कर लोग पैंडल व अंगूठी से ही काम चला रहे हैं। सोने के दाम यदि कम होते तो बड़े आयटम जैसे हार-चूड़ी आदि भी खरीदते, अब तो सिर्फ रस्म अदायगी के लिए जेवर खरीदे जा रहे हैं।
सचिन खंडेलवाल, ज्वैलर्स, शिवपुरी

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