दुनिया के वे देश खुशनसीब हैं , जहाँ कोरोना और बाल मजदूर नहीं है। दुर्भाग्य से भारत में दोनों हैं। ये दोनों अब भारत के लिए समानांतर चलने वाली समस्या हो जाएगी। वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जबकि बाल मजदूरी सहित मानव दासता के खात्मे का लक्ष्य 2026 रखा है। हकीकत में कोरोना महामारी सिर्फ स्वास्थ्य और आर्थिक से जुड़ा संकट नहीं है, यह बच्चों के भविष्य का भी संकट है।
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