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फीस कम कराने के लिए चोइथराम स्कूल के मुख्य ट्रस्टी के निवास पर धरना

 


इंदौर,  कोरोना संक्रमण के कारण आनलाइन कक्षाओं के बावजूद स्कूलों द्वारा भारी-भरकम फीस लिए जाने से अभिभावक त्रस्त हो चुके हैं। इसलिए फीस कम कराने के लिए लंबे समय से प्रयासरत अभिभावकों ने रविवार को चोइथराम स्कूल के मुख्य ट्रस्टी के गुलमोहर कालोनी स्थित निवास पर धरना दे दिया। अभिभावकों का कहना है कि हम एक साल से प्रयास कर रहे हैं कि मुख्य ट्रस्टी सतीश मोतियानी से मिलकर अपनी समस्या बताएं, लेकिन उन्होंने आज तक मिलने का समय नहीं दिया। मजबूर होकर हमें उनके निवास पर धरना देना पड़ा।

रविवार को जब अभिभावक मोतियानी के निवास पर पहुंचे, तब भी वे मिलने के लिए बाहर नहीं आए। उल्टे स्कूल प्रबंधन ने पुलिस बुलाकर अभिभावकों को दबाने की कोशिश की। जब अभिभावक हटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस अधिकारियों ने मोतियानी से फोन पर अभिभावकों की बात कराई। मोतियानी ने सोमवार को शाम 4 बजे स्कूल के साउथ कैम्पस में बैठक का वादा किया है। इस आश्वासन के बाद अभिभावक धरना समाप्त करके लौट गए। धरने के दौरान अभिभावक आशीष वर्मा, प्रवीण रघुवंशी, रीतेश अग्रवाल, रवि शर्मा, लीना देशमुख, श्वेता वर्मा, अंकिता जैन, अमित जैन, रंजन जैन आदि मौजूद थे।
प्राचार्यों से कई बार किया अनुरोध, लेकिन टाल दिया

अभिभावकों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण एक साल से स्कूल नहीं लग रहे हैं। बच्चों की आनलाइन पढ़ाई चल रही है। परिवहन, भोजन, सफाई सहित अन्य कर्मचारियों का वेतन आदि का खर्च स्कूल को बच गया है। आनलाइन पढ़ाई में वैसे भी न शिक्षक ठीक से पढ़ा पा रहे हैं, न बच्चे ठीक से पढ़ पा रहे हैं। इसके बावजूद हम स्कूल को एक-एक लाख फीस चुका रहे हैं। ऐसे समय स्कूल प्रबंधन को फीस में 50 से लेकर 75 प्रतिशत तक की छूट देना चाहिए। पर स्कूल प्रबंधन पूरी फीस को ही ट्यूशन फीस बताकर हमसे मनमानी वसूली कर रहा है। इसी मुद्दे को लेकर चोइथराम स्कूल के साउथ और नार्थ कैम्पस के प्राचार्यों से लंबे समय से अनुरोध कर रहे हैं कि मुख्य ट्रस्टी से हमारी मुलाकात करवा दीजिए, ताकि हम उनके सामने अपनी बात रख सकें। हर बार हमारा अनुरोध टाल दिया जाता है, इसी कारण हमें धरना आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।

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