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शिवपुरी में दोषी को 10 साल की सजा:पत्नी बोली- मेरे पेरेंट्स ने गलत तरीके से दस्तावेजों का इंतमाल किया

 


शिवपुरी में पत्नी के बलात्कार के आरोप में जेल में बंद पति को छुड़ाने खुद उसकी पत्नी सामने आई है। कलेक्टर को दिए गए आवेदन में उसने कहा है कि पिता ने गलत तरीके से दस्तावेजों का इंतमाल कर मेरे पति को जेल भिजवाया है। मैंने जनवरी 2019 में आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की थी। इसी बात से गुस्साए पिता ने यह षड्यंत्र रचा है। मेरे पति को अपहरण और बलात्कार के केस में दस साल का कारावास हुआ है।

पीड़िता का कहना है कि मेरे पेरेंट्स ने मेरे पति को सजा दिलाने के लिए मेरे जन्म प्रमाण संबंधी कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए हैं, जिनके आधार पर मैं नाबालिग हूं, जबकि वास्तविकता में मेरी जन्मतिथि 1 जनवरी 2001 है जो 10वीं की अंकसूची में दर्ज है। पेरेंट्स के अनुसार उसके पिता ने उनके वकील को अपने पक्ष में कर लिया।

इसी कारण उन्होंने उसकी दसवीं की अंक सूची कोर्ट में पेश ही नहीं की। पीड़िता के अनुसार उसे बरामद करने के बाद उसके 164 के जो बयान कराए गए उसके बाद कभी कोर्ट में उसे बुलाया ही नहीं गया। बकौल दोषी की पत्नी पीड़िता को वकील उन्हें लास्ट टाइम तक यह आश्वासन देता रहा कि राहुल बरी हो जाएगा।

पीड़िता ने कलेक्टर और एसपी से गुहार लगाई है कि कोरोना संक्रमण के कारण उनके देवर विवेक राजपूत की मृत्यु हो गई है। ससुर की दोनों किडनी खराब हैं, सास भी अस्वस्थ रहती हैं और मैं भी गर्भवती हूं। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। इसलिए आर्थिक स्थिति खराब है। मेरी व मेरे परिवार की हालत को ध्यान में रखते हुए मेरे पति को जमानत दिलवाई जाए।

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