Music

BRACKING

Loading...

MP : एसपी की ये जनहितेषी पहल सफल हो पायेगी?

 

     श्रीगोपाल गुप्ता

मप्र के सतना जिले के एक छोटे से गांव के निवासी पूर्व सहायक इंजिनियर एमपीईबी और सन् 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी आशुतोष बागरी ने गत मंगलवार को मुरैना जिला पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभाल लिया है!अभी हाल ही में मप्र शासन द्वारा किये गये आईपीएसों के तबादलों में वे चम्बल रैंज के ही भिण्ड जिले की बटालियन से स्थानांतरण होकर मुरैना जिला पुलिस अधीक्षक के तौर पर स्थापित किये गये हैं!पुलिस अधीक्षक के रुप में चार्ज ग्रहण करने के साथ ही उन्होने सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह किया कि अपने कार्यालय से लेकर करीब ढाई किलोमीटर दूर शहर मुख्य ह्रदय व व्यापारीक स्थल हनुमान चौराहे तक अपने दलबल के साथ पैदल मार्च करते हुये सफर तय किया! इससे काफी दिनों से छुटमुट अपराध और मुख्य बाजारों में पुलिस की कमी से दोचार हो रही जनता की नजर में उनका ये पैदल पुलिस मार्च काफी सुकून और राहत भरा रहा तो अपराधियों के मन में कुछ हद तक खौफ का प्रतीक भी रहा! इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने सड़क पर ही व्यापारी,खोमचे वाले,ठैले आदि लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वालों से बातकर उनकी समस्याओं को समझा और उनका हल करने का प्रयास करने का भरोसा भी दिया, इससे आम जनसमुदाय में पुलिस के प्रति विश्वास में इजाफा भी हुआ! अपनी पहली बैठक में ही पुलिस अधिकारी और थाना प्रभारीयों को स्पष्ट रुप से समझा दिया कि थानों में केवल जरुरी पुलिस बल ही रुकेगा बांकी का पुलिस बल सड़कों पर जनता की सुरक्षा के लिये 24 घण्टे तैनात रहेगा! इसके साथ ही उन्होने कानून का कड़ाई से पालन करने और कराने की हिदायत देने के साथ-साथ स्पष्ट कर दिया कि अवैध शराब,रेत उत्खन और पत्थर खनन के लिये बदनाम हो चुके मुरैना जिले में किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध शराब का निर्माण,परिवहन व बिक्री पर कड़ाई से रोक लगायें!इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताई बर्दास्त नहीं की जायेगी,इसके साथ ही नवागत पुलिस अधीक्षक श्री बागरी ने जिले की जनता अवैध शराब की रोकथाम के लिये पुलिस का सहयोग करने की अपील करते हुये एक हेल्पलाइन फोन नंबर भी जारी करते हुये कहा है कि जो कोई भी पुलिस को अवैध शराब निर्माण,परिवहन व बिक्री की सूचना देगा उसका नाम गुप्त रखते हुये उसे पुलिस द्वारा ईनाम भी दिया जायेगा बशर्त है कि सूचना सही हो!



इसी से समझा जा सकता है कि नवागत पुलिस अधीक्षक अवैध शराब के मामले में काफी संवेदनशील हैं और वे समझते हैं कि कई मर्तबा अवैध व जहरीली शराब पीने से मरने वालों पर क्या बीतती है! मगर सवाल यह है कि अवैध शराब,रेत उत्खनन और पत्थर खनन में प्रदेश का सिरमौर और कुख्यात बन चुका मुरैना जिला क्या अवैध शराब से मुक्त हो पायेगा? यकीनन अथाह पैसा और ऐश-ओ-आराम का शग्ल बन चुका अवैध शराब का धंधा नेताओं और कथित कुछ अधिकारियों की पंसद बन चुका है और लगता है कि कहीं न कहीं शासन में भी इनकी गहरी पैठ बन चुकी है! नहीं तो क्या कारण है कि मात्र दो वर्षों में ही अवैध शराब के धंधे पर गहरी चोट करने वाले और अवैध शराब माफियाओं को जिले से भागने के लिये मजबूर करने वाले तीन पुलिस अधिक्षक अकारण ही नप गये और शासन के आदेश पर उन्हे वापिस मुरैना से जाना पड़ा और "गंदा है मगर धंधा है" अवैध शराब का निर्माण और बिक्री बदस्तूर जारी है! तात्कालीन पुलिस अधीक्षक आसित राजपूत ने जैसे ही अबैध शराब माफियाओं को नापना शुरु किया बैसे ही अकारण उनका स्थानांतरण हो गया! अबैध शराब माफियाओं में दहशत का पर्याय बन चुके अनुराग सुजानियां का तो नाम ही काफी था! मगर जब कहीं और किसी ने नहीं सुनी तो साजिष के तहत गत जनवरी 21 में जहरीली शराब कांड हुआ जिसने 15 लोगों की असमय जान ले ली और अनुराग सुजानिंया के साथ क्लेक्टर को भी अपनी रवानगी देनी पड़ी!फिर दौर आया पुलिस अधीक्षक सुनिल पाण्डे का जिनके यहां ऐसे नेताओं व प्रभावशाली बन चुके लोगों का प्रवेश ही निषेध था जो इस अवैध धंधों को बढ़ाबा या संरक्षण देते थे! हालांकि उन्होने जहरीली शराब के कांड के दोषियों को सींखचों के पीछे पहुंचाने में और अवैध शराब की रोकथाम में कोई कोताही नहीं बरती मगर फिर भी शासन ने उन्हे भी मात्र कुछ माह की तैनाती के बाद रवानगी का फरमान थमा दिया! ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण है कि नवागत पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी मुरैना के भाल पर लगे इस कंलक को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं! जिले की जनता को चाहिये कि वो  पुलिस अधिक्षक के इस संकल्प को पूरा करने में कंधा से कंधा मिलाकर साथ दे और अपनी पिढ़ियों का जीवन इस जहर से सुरक्षित करे! हालांकि वे मात्र ढाई वर्ष पूर्व मुरैना जिले के पुलिस महकमा में नम्बर दो अत्तिरिक्त पुलिस अधिक्षक रह चुके हैं इसलिये वे जिले के मिजाज को भी अच्छी तरह समझते हैं!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ