समर्थन मूल्य पर चना का सैंपल पास करने के एवज में केंद्रों और गोदामों के प्रबंधकों पर रिश्वत मांगने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे ही आरोपों की जांच करने के लिए रविवार को एक टीम एसडब्ल्यूसी के गोदाम पर पहुंची। जहां किसान के रिजेक्ट चना के सैंपल की दोबारा से जांच की गई।
जिसमें सामने आया कि उक्त एक किलो के सैंपल में ही 50 ग्राम मिट्टी है जो कि मानक स्तर से 4 प्रतिशत अधिक है, क्योंकि सरकारी मानक 1 प्रतिशत मिट्टी का ही है। समर्थन मूल्य के तहत चना और सरसों की खरीद 16 केंद्रों पर की जा रही है। इस बीच केंद्रों पर किसानों के हंगामे भी बढ़ रहे हैं, क्योंकि किसानों के द्वारा सैंपल फैल होने के बाद आरोप लगाए जा रहे हैं कि केंद्रों पर प्रबंधकों के द्वारा ट्रॉली पास करने के नाम पर 2 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है।
ऐसे ही आरोप नागदा निवासी किसान दीनबंधु मीणा ने लगाए, जिस पर रविवार को कृषि, सहारिकता, नॉन समेत अन्य विभागों के अफसर जांच करने जैदा मंडी स्थित एसडब्ल्यूसी के गोदाम में केंद्र पर रिजेक्ट चना सैंपल की जांच करने पहुंची। यहां टीम ने किसान के एक किलो रिजेक्ट चना सैंपलों को दोबारा जांचा, जिसमें सामने आया कि उक्त एक किलो चना में 50 ग्राम मिट्टी मिली हुई है।
इसे अफसरों ने मानक स्तर के विपरीत बताया। क्योंकि शासन ने एफएक्यू के तहत चना में 1 प्रतिशत मिट्टी होने पर ही खरीदी के नियम बनाए है। जबकि सैंपल में 5 प्रतिशत मिट्टी मिली। इसके बाद रिश्वत के आरोपों की जांच को लेकर गोदाम में पहले से खरीदकर रखे गए चना की भी जांच की गई ताकि सामने आ सके कि रिश्वत लेकर खराब चना तो नही खरीदा गया। लेकिन जांच में गोदाम के भीतर रखा चना एफएक्यू के मानक स्तर पर ही मिला।
शिकायत न हो इसलिए बदले जाएंगे केंद्रों पर तैनात सैंपल सर्वेयर
16 केंद्रों पर एफएक्यू के मानक स्तर की जांच करने के लिए निजी कंपनी के सर्वेयर लगाए गए है। जिन्हें अब केंद्रों पर अदल-बदल किया जाएगा, जिससे कि शिकायत की कोई गुंजाइश ही न रहें। यहां एफएक्यू के मानक के तहत चना में 1 प्रतिशत मिट्टी, 12 प्रतिशत नमी, 3 प्रतिशत मिश्रित दाने व 6 प्रतिशत टूटन ही ली जाएगी। अगर सैंपल में इससे ज्यादा कोई भी मानक निकलता है तो सैंपल रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इस पर अब नियुक्त सर्वेयर के माध्यम से कड़ाई से नजर रखी जाएगी।
अफसर बोले- गरीबों के लिए नही लेंगे मिट्टी मिला व फफूंद लगा चना
सहकारी विपणन संघ के डीपीएम अभिषेक जैन ने बताया कि केंद्रों पर खरीदी की जिम्मेदारी है। इस पर गरीबों को बंटने वाला चना बिल्कुल भी खराब नहीं लिया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता भी तो उस पर कार्रवाई तय है। क्योंकि अब तक रिजेक्ट हुए सैंपलों में मिट्टी की मात्रा अधिक थी। वही ललितपुरा केंद्र पर तो फफूंद लगा चना आया था, जिसमें भी किसानों ने हंगामा किया। लेकिन गरीबों को बंटने वाला चना कतई भी बेकार नहीं लिया जाएगा।
600 ग्राम अतिरिक्त लेने का नियम
समर्थन मूल्य पर की जा रही चना खरीदी में 50 किलो की खरीद होनी है, लेकिन कई जगह पर 50 किलो 800 ग्राम की तौल हो रही है। अफसरों ने बताया कि चूंकि खाली बोरी का वजन भी 580 ग्राम है, इसलिए 600 ग्राम का नियम है। क्योंकि बोरी भरने के लिए 50 ग्राम फैल भी जाता है, जिससे माल शॉर्ट आता है। इसलिए अधिक लिया जा रहा है। लेकिन अगर किसी केंद्र पर 50 किलो पर 800 ग्राम चना अधिक तौला जा रहा है तो इसकी शिकायत किसान कर सकते है।
गेहूं-सरसों का अब तक नहीं मिला एक दाना
चना की खरीदी में तो अब लगातार इजाफा हो रहा है। क्योंकि मंडी में किसानों को चना के भाव प्रतिक्विंटल 4600 रुपए तक मिल रहे हैं। जबकि सरकार समर्थन मूल्य पर 5250 रुपए प्रतिक्विंटल में चना ले रही है। लेकिन गेहूं और सरसों की खरीद अब तक नहीं हो सकी है, क्योंकि मंडी में गेहूं के दाम 2200 रुपए और सरसों के दाम 6500 रुपए प्रति क्विंटल तक है। वही समर्थन मूल्य पर गेहूं 2015 तो सरसों 5050 रुपए प्रतिक्विंटल के ही दाम मिल रहे हैं।
रिजेक्ट सैंपल की कराई गई है जांच
नागदा के किसान ने प्रबंधक व अन्य कर्मचारी पर चना सैंपल पास करने की एवज में 2 हजार रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। इस पर किसान के चना का सैंपल सील किया गया गया था। जिसकी जांच केंद्र पर पहुंचकर ही की गई। यह सैंपल वाकई में फेल साबित हुआ, क्योंकि इसमें मानक स्तर से 4 प्रतिशत अधिक मिट्टी निकली है। इसके अलावा गोदाम में भी सैंपलिंग की गई, जहां खरीदा गया चना ठीक पाया गया है-अभिषेक जैन, डीएमओ, सहकारी विपणन संघ, श्योपुर
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