देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट ने चुपके से फाइनल कर लिया है कि वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम पूरा होने के तत्काल बाद आउटसोर्स कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा। उनकी जगह पर नए आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती किए जाएंगे। नई कंपनी को स्वतंत्रता दी गई है कि वह पुराने कर्मचारियों को नौकरी पर बनाए रखना चाहती है या नहीं।
गौरतलब है कि 23 मार्च 2022 को विश्वविद्यालय ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे को लेकर समिति की बैठक बुलाई थी। डा. संजय तनवानी की अध्यक्षता में समिति की बैठक रखी, जिसमें डा. राजेंद्र सिंह, डा. अर्चना रांका, उपकुलसचिव रचना ठाकुर, आरके बघेल और सहायक कुलसचिव धीरा गुप्ता शामिल हुई। बैठक की जानकारी लगते ही कर्मचारी नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। उसके बाद से कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया रुकी है।
सूत्रों के मुताबिक नेताओं के माध्यम से 30 प्रतिशत कर्मचारियों की नौकरियां लगी है। अधिकांश कर्मचारी काम पर नहीं आते हैं। इसके चलते विश्वविद्यालय की व्यवस्थाएं प्रभावित होती है। नई भर्तियां करने के पीछे ऐसे कर्मचारियों को बाहर निकालने की तैयारी चल रही है। मगर विश्वविद्यालय के लिए थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि कई नेताओं ने दवाब बनाना शुरू कर दिया है। प्रभारी कुलसचिव का अनिल शर्मा का कहना है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मुद्दे पर बैठक होना है। चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
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