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SVP : लापर वाही के चलते जिला अस्पताल मे मासूम ने तोड़ा दम -अखिर जिम्मेदार कोन

शिवपुरी जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में रविवार की रात करीब एक ऑक्सीजन सिलेंडर फटने की अफवाह के बाद वार्ड में भगदड़ की स्थिति बन गई। इसमें एक साल के मासूम की जान चली गई। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर फटने की अफवाह इतनी तेजी से फैली की कुछ ही देर में कलेक्टर अक्षय कुमार सहित स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए।

जानकारी के अनुसार जिस ऑक्सीजन सिलेंडर के फटने की बात कही जा रही है, उससे महिला गार्ड और एम्बुलेंस के ड्राइवर ने छेड़छाड़ की थी, जिसके चलते उसका फ्लो मीटर फट गया था।

बच्चे को किया जाना था रैफर

जानकारी के अनुसार पीआईसीयू में एक माह के छोटू पुत्र सुरेंद्र आदिवासी को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे की हालत बिगड़ती जा रही थी जिसके चलते उसे ग्वालियर रैफर कर दिया गया था। बच्चे को ग्वालियर रैफर किए जाने के चलते 108 एम्बुलेंस बच्चे को लेने आई थी, इसी क्रम में एम्बुलेंस के चालक सहित महिला गार्ड ममता ने ऑक्सीजन सिलेंडर से छेड़छाड़ की, जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर का फ्लो मीटर फट गया और पीआईसीयू में धमाके की आवाज आई।

धमाके की आवाज के साथ वार्ड में भगदड़ मच गई और देखते ही देखते पीआईसीयू में मौजूद स्टाफ सहित वहां भर्ती बच्चों को लेकर उनके परिजनों ने पीआईसीयू से दौड़ लगा दी। घटना के बाद अस्पताल के सिविल सर्जन आर के चौधरी ने बताया कि कोई बड़ी घटना घटित नहीं हुई, सिर्फ सिलेंडर का फ्लो मीटर ही फटा है।

लापरवाही ने ली बच्चे की जान

इस घटनाक्रम में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। पीआईसीयू के अंदर एक एम्बूलेंस चालक और गार्ड ने बिना अनुमति के आक्सीजन सिलेंडर से छेड़छाड़ कर दी। जबकि ऐसा करने के लिए वह अधिकृत नहीं थे। बता दें, फ्लो मीटर के फटने के बाद जब भगदड़ मची तो पीआईसीयू में भर्ती छोटू जिसे ऑक्सीजन लगी थी,  ओर उसकी मां लेकर बाहर भाग गई। करीब आधा घंटे बाद हालात सामान्य हुए, तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया था। अगर यह भगदड़ नहीं मची होती तो हो सकता है कि छोटू की मां उसे ऑक्सीजन निकाल कर लेकर नहीं भागती और छोटू की जान बच जाती।

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