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Shivpuri news : मगरमच्छ ने मजदूर पर बोला हमला मजदूर का हाथ धड़ से अलग कर दिया

>तालाब किनारे मगरमच्छ ने मजदूर पर बोला हमला 

> धढ़ से हाथ उखाड़ ले गया

>हाथ छिनने के साथ रोजगार भी छिना

शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी क्षेत्र के जाधव सागर के पास शौच के लिए गए मजदूर पर मगरमच्छ ने हमला बोल कर उसके हाथ को अपने जबड़े में दबा लिया हैं। मगरमच्छ मजदूर को खींचकर तालाब की ओर ले जाने लगा था लेकिन मजदुर ने अपनी जान बचाने के लिए दूसरे हाथ से तालाब किनारे लगी घास और झाड़ियों को मजबूती से पकड़ा लिया। मजूदर के मुंह से निकली चींख सुनकर परिजनों ने पत्थर फेंक कर जैसे-तैसे मजदूर की जान बचाई। लेकिन मगरमच्छ मजदूर के एक हाथ को धढ़ से अलग कर ले जाने में कामयाब रहा। घायल मजदूर उपचार मेडिकल कॉलेज में जारी हैं। घटना सोमवार की रात 11 बजे के लगभग की बताई गई हैं। 

शौचालय के आभाव में बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर था परिवार - 

पुरानी शिवपुरी के हरदौल मंदिर के पीछे रहने बाला बंटी बाथम पेशे से तंदूरी रोटी बनाने का कारीगर था। जो मजदूरी कर जैसे तैसे अपने परिवार को चला रहा था। बंटी की माली हालात ठीक नहीं थी। बंटी के घर में शौचालय भी नहीं था। इसी के चलते पूरे परिवार को शौच के लिए जाधव सागर तालाब की ओर जाना पड़ता था। इसी क्रम में बंटी रात दस बजे के लगभग सोच के लिए जाधव सागर की ओर गया था। यहां जाधव सागर में मिलने बाले नाले से जैसे ही उसने पानी लेने के लिए अपने हाथ को बढ़ाया। तभी एक बड़े मगरमच्छ ने उसके हाथ को अपने जबड़े में भर लिया था। 

मगरमच्छ बंटी को खींचकर ले जाने लगा था तभी बंटी ने अपने प्राण बचाने के लिए नाले के किनारे खड़ी घास और झाड़ियों को अपने दूसरे हाथ से पकड़ लिया था। बंटी के मुंह से निकली चींख को सुन उसके परिजन मौके पर पहुंच गए थे। जिन्होंने पत्थर फेंक कर मगरमच्छ को भगाया। लेकिन मगरमच्छ बंटी के हाथ को धढ़ से अलगकर ले गया। परिजनों ने घायल को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया हैं।     

हाथ छिनने के साथ रोजगार भी छिना -

गौरतलब हैं जाधव सागर में सैकड़ों मगरमच्छ हैं। इस तालाब के आस पास कई मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं। इनमे से ज्यादातर लोग शौच के लिए तालाब किनारे जाते हैं। लेकिन इन्हीं परिवार में से एक बंटी मगरमच्छ के हमले का शिकार हो गया। जानकारी के मुताबिक़ 35 साल का बंटी बाथम पुत्र विजय बाथम शादी समारोह आदि कार्यक्रम में तंदूरी रोटी बनाने की मजदूरी करता था। इससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करता हुआ आ रहा था। बंटी की पत्नी मूकबधिर हैं। जिससे वह सुन - बोल नहीं सकती हैं। उसके दो बेटियां और एक बेटा हैं। परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी बंटी की ही थी। लेकिन उसके एक हाथ के खोने से अब परिवार के सामने आर्थिक संकट भी गहरा हैं।

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