शिवपुरी जिले के पोहरी थाना क्षेत्र के कनाखेड़ी गांव में पुराने विवाद को लेकर हुए मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब पीड़ित परिवार को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। शनिवार की रात जान बचाकर दूसरे गांव में गुजारने के बाद रविवार को पीड़ित परिवार पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और सुरक्षा की गुहार लगाई।
पीड़िता घुमा चिड़ार ने बताया कि गांव के बाइसराम चिड़ार से भूसे को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। शनिवार दोपहर उनका पोता खेलते-खेलते घर से बाहर निकल गया था, जिसे ढूंढने के लिए उसकी मां रूबी निकली। इसी दौरान गंधर्व धाकड़ के मकान के पास रूबी को बाइसराम चिड़ार मिला, जिसने पुरानी रंजिश के चलते अश्लील गालियां दीं।
रूबी के बताने पर बेटा दीपक और निखिल जब बाइसराम से पूछने पहुंचे तो बाइसराम ने दोनों को भी गालियां दीं और लाठी से हमला कर दिया। शोर सुनकर जब पति मोहन चिड़ार बचाने पहुंचे तो कुमेर चिड़ार, सुनील और सोनू भी वहां आ गए और सभी ने मिलकर हमला कर दिया। जाते-जाते आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी।
मारपीट की शिकायत पोहरी थाने में दर्ज कराई गई थी, जहां पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। लेकिन इसके बाद जब पीड़ित परिवार एफआईआर दर्ज कराने के बाद गांव लौट रहा था, तभी रास्ते में मचा घूम के पास तीन बाइकों पर सवार करीब 9 लोगों ने उन्हें घेर लिया और गांव में घुसने से रोक दिया। साथ ही जान से मारने की धमकी दी।
घटना की सूचना पुनः पोहरी थाना पुलिस को दी गई और गांव सुरक्षित पहुंचाने की मांग की गई, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एफआईआर दर्ज होने की बात कहकर कोई मदद नहीं की।
पीड़ितों ने किसी तरह भागकर जान बचाई और रात सिंहनिवास गांव के पास गुजारी। रविवार को वे एसपी ऑफिस पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी। पीड़ित परिवार ने आरोपियों की गिरफ्तारी और गांव में सुरक्षा की मांग की है।
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