शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में आदिवासी और किसान परिवारों को वन विभाग द्वारा जबरन बेदखल किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं। इस मुद्दे को लेकर पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह स्वयं प्रभावित ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
विधायक कुशवाह ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र के बरखाड़ी, धरखेड़ा, गोपलिया, भीमपुर, भैसदा, घटाई, बम्हारी, करई-कैरउ सहित अन्य गांवों का दौरा किया। जहां ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि वे 25 वर्ष से अधिक समय से उक्त जमीनों पर रह रहे हैं और खेती कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। उनके पास वैध पट्टे एवं दस्तावेज भी मौजूद हैं। बावजूद इसके, पिछले कुछ दिनों से वन विभाग द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है और जबरन जमीन खाली कराने का दबाव बनाया जा रहा है।
विधायक ने कहा कि कई मामलों में भूमि को लेकर राजस्व एवं वन विभाग के बीच विवाद चल रहा है। लेकिन वैध दस्तावेजों के बावजूद बेदखली की कार्रवाई करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है।
विधायक ने मांग की कि सभी प्रभावित परिवारों के दस्तावेजों की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जांच पूरी होने तक वन विभाग की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही वैध पट्टाधारकों को स्थायी अधिकार पत्र प्रदान किए जाएं।
इस दौरान उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वन और राजस्व विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर आदिवासी व किसान परिवारों के अधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायोचित समाधान निकाला जाए।
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