मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद द्वारा जिले के विभिन्न विकासखण्डों में माटी गणेश सिद्ध गणेश अभियान एवं नवीन प्रस्फुटन समितियों की बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में बदरवास एवं नरवर विकासखण्डों में बुधवार को जनपद पंचायत सभागारों में कार्यक्रम संपन्न हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत से की गई। बदरवास में आयोजित कार्यशाला में संभाग समन्वयक सुशील बरूआ, जिला समन्वयक डॉ. रीना शर्मा एवं आजीविका मिशन से धर्मेंद्र उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं नरवर में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता जिला समन्वयक डॉ. रीना शर्मा ने की और मुख्य अतिथि के रूप में जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं अध्यक्ष सिंचाई समिति इंजीनियर गौरव पाल उपस्थित रहे।कार्यशालाओं में समितियों के सदस्य, बीएसडब्ल्यू एवं एमएसडब्ल्यू छात्र-छात्राओं को मिट्टी के गणेश बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। नरवर कार्यशाला में क्षेत्र के प्रसिद्ध कलाकार प्रशांत (पिंटू) प्रजापति द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया कि वे स्वयं मिट्टी के गणेश बनाकर अपने क्षेत्रवासियों को भी इसकी प्रक्रिया समझाएँ तथा लोगों को बाजार से खरीदी जाने वाली रासायनिक प्रतिमाओं के स्थान पर पर्यावरण हितैषी गणेश प्रतिमाएँ बनाने हेतु प्रोत्साहित करें।
जिला समन्वयक डॉ. रीना शर्मा ने बताया कि जनअभियान परिषद द्वारा नर्मदा समग्र के सहयोग से जिले के सभी आठ विकासखण्डों में यह कार्यशालाएं आयोजित होंगी। परिषद से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा है, ताकि वे गांव-गांव जाकर लोगों को मिट्टी के गणेश निर्माण व विसर्जन की पर्यावरण अनुकूल विधियों के लिए जागरूक कर सकें। उन्होंने कहा कि बाजार में उपलब्ध प्लास्टर ऑफ पेरिस व रासायनिक रंगों से बनी प्रतिमाएँ हमारे जल स्रोतों और जलीय जीवों के लिए हानिकारक हैं। इसलिए हर घर में मिट्टी के गणेश स्थापित कर गमले, आंगन या स्थानीय जल स्रोतों में ही विसर्जन कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों ने भी गणेश चतुर्थी पर घर-घर में मिट्टी के गणेश स्थापित करने और गांव-गांव में इस अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। साथ ही प्रस्फुटन समितियों को उनके दायित्वों के प्रति जागरूक करते हुए यह भी कहा गया कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को चिन्हित कर शासन की योजनाओं से ग्रामीणों को अधिकाधिक लाभान्वित करें।
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