इस अवसर पर युवाओं ने पारंपरिक डोल-ताशे बजाए, वहीं विभिन्न कमेटियों ने एक दर्जन से अधिक बैंड और डीजे भी बुलाए। पूरे आयोजन में रातभर माहौल धार्मिक रंग में डूबा रहा।
शहर में इस बार फिजिकल थाना क्षेत्र से 15, देहात थाना क्षेत्र से 12 और कोतवाली क्षेत्र से 5 बड़े व कई छोटे ताजिए निकले। यानी कुल मिलाकर 32 से अधिक छोटे-बड़े ताजियों ने शहर की सड़कों से गुजरते हुए माहौल को धार्मिक रंग में रंग दिया।
आयोजन को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट रहा। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया और अधिकारी लगातार ताजियों के साथ गश्त करते रहे। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात रहा। मुस्तैदी के चलते पूरे आयोजन में शांति और सौहार्द कायम रहा।
खास बात यह रही कि पुरानी शिवपुरी क्षेत्र के एक ताजिया निकाले जाने के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता का सोहार्द देखने को मिला। यहां बैंड पर गायक कलाकार ने “एक राधा एक मीरा” भजन प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर दोनों समुदायों के लोग झूम उठे और माहौल एकता के रंग में रंग गया।
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