*परिवहन विभाग का कारनामा हैवी लाइसेंस में लग रही है फर्जी मार्कशीट*
*कुछ निजी स्कूलों से दलाल प्राप्त कर रहे फर्जी अंकसूची*
*अधिकारी के सुविधा शुल्क की वसूली करते है प्राइवेट लोग*
*शिवपुरी*-परिवहन कार्यालय का एक नया कारनामा सामने आया है इसमें जो हैवी लाइसेंस जारी किए जा रहे है उसमें चालक को कम से कम कक्षा 8 तक पढ़ा होना आवश्यक होता है, किन्तु जो भारी वाहन के चालक होते वह लगभग कम पढ़े लिखे होते है और कुछ अनपढ़ भी होते है इस स्थिति में उनका लाइसेंस बन पाना शायद संभव नहीं होता है किंतु जिला परिवहन कार्यालय में अगर आपके पास माल है तो हर काम संभव है और यहाँ हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए चंद रुपयों के सहारे फर्जी मार्कशीट लेकर लाइसेंस जारी किये जा रहे है और यह जो अंकसूची है वह दलाल ही कुछ निजी स्कूलों से बनवा रहे है।
*हैवी लाइसेंस में ड्राइविंग स्कूलों के फर्जी प्रमाण पत्र*
हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए किसी भी ड्राइविंग स्कूल का एक प्रमाण पत्र भी लगाया जाता है और यह भी चालकों को बिना ट्रेनिंग दिए बिना ही दिया जा रहा है यह कोई भी दलाल इन ड्राइविंग स्कूलो से 200 रुपए से 600 रुपये देकर प्राप्त कर सकता है।
*ड्राइविंग स्कूलों के पास नही है पर्याप्त संसाधन*
शिवपुरी जिले में जीतने भी ड्राइविंग स्कूल संचालित किये जा रहे है उनके पास किसी भी प्रकार के संसाधन नही है ना ही इनके ड्रायविंग सीखने के लिए पास पर्याप्त स्थान है और ना ही इनके पास वाहन है सबसे बड़ी बात यह है कि यह स्कूल वाले हैवी लाइसेंस जारी करने के लिए जो प्रमाण पत्र देते है उसके लिए चालक को हैवी वाहन चलाना सिखाया जाता है किन्तु उनके पास हैवी वाहन ही नही है फिर यह कैसे हैवी लाइसेंस के लिए प्रमाण पत्र जारी कर रहे है।
*फर्जी बीमा से हो रही नये वाहनों के पंजीयन व पुरानी गाड़ियों के ट्रांसफर*
परिवहन कार्यालय में जो नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और पुरानी गाड़ियों के ट्रांसफर होते है उनके लिए बीमा होना आवश्यक होता है किंतु इनके लिए जो हस्तलिखित फर्जी बीमे लगाए जा रहे है वो भी हाथ के लिखे हुए लगाये जा रहे है सबसे बड़ी बात यह है कि आजकल सभी काम ऑनलाइन हो रहे है तो हस्तलिखित बीमे कैसे स्वीकार किये जा रहे है क्यों ना हो क्योंकि इसे मान्य करने के एवज में परिवहन अधिकारी को सुविधा शुल्क के रूप में 100 से 200 रुपये जो मिलते है,बीमे की सत्यता परखने के लिए एक आसान सा तरीका होता जिस कंपनी का बीमा जारी किया जाता है उस कंपनी का टोलफ्री नम्बर उस पर अंकित होता है उस पर फोन लगाकर उस बीमे की सत्यता की जाँच कोई भी कर सकता है दलालों द्वारा नवीन फाइलें या जो भी ट्रांसफर की फाइले पास कराई जा रही है उनमें यह हस्तलिखित फर्जी बीमे लगाये जा रहे है।
*फिर जमे कार्यालय में दलाल*
कुछ दिन पूर्व परिवहन कार्यालय में दलालों की सक्रीयता की ख़बर वायरल होने के बाद परिवहन अधिकारी ने सभी दलालों को कार्यालय से बाहर कर दिया था किन्तु कुछ दिन ही ऐसा चला फिर अब परिवहन कार्यालय में दलालों की सक्रियता देखी जा सकती हैं।
*परिवहन अधिकारी की सुविधा शुल्क वसूली करता प्राइवेट कटर*
जब हमने अधिकारी के इस प्राइवेट आदमी से फ़ोन पर कवरनोट लगाये जाने को लेकर बात की तो उसका कहना था कि मुझे कोई दिक्कत नही है जो हस्तलिखित फर्जी कवरनोट लगाये जा रहे है उनसे अधिकारी को खतरा है मुझे कुछ नही होगा क्योंकि कवरनोट चेक करने की जिम्मेदारी अधिकारी की होती है मेरी नहीं, जब हमने उनसे पूछा कि जिला परिवहन अधिकारी का काम आप देखते हो तो उसने कहा हाँ में ही देखता हुँ इन प्राइवेट वसूली अधिकारी को कार्यालय में अलग से केविन भी दिया गया है।
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