ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी, दूषित जल एवं विशाक्त खाद्य पदार्थ के कारण संक्रामक रोगों के प्रकरण एवं उनकी महामारी होने की संभावना होती है। संक्रामक रोगो के बचावों के उपायो के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा सुझाव आमजनों को सुझाए गए है। उन्होंने बतलाए गए सुझावों का पालन कर ग्रीष्मकालीन बीमारियों एवं महामारी की रोकथाम में सहयोग किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किशोर नागवंशी ने बताया कि लू एवं जलजनित तथा दूषित खाद्य पदार्थो से होने वाली बीमारियों से कैसे बचे तदानुसार खाने पीने हेतु स्वच्छ एवं सुरक्षित पानी का उपयोग करें, बाजार में उपलब्ध सभी पेय पदार्थो की ताजगी एवं शुद्वता पर ध्यान रखा जाए, सदैव शौच से आने के बाद हाथ साफ पानी से अच्छी तरह धोएं, खाना बनाने, परोसने व खाने के पहले हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं।
ताजे बने भोजन वस्तुओं का ही सेवन करें, ज्यादा देर का बना व वासी खाद्य वस्तु का सेवन ना करें, सदैव भोजन व खाद्य वस्तुओं को ढककर रखें ताकि मक्खी व धूल से दूषित होने से बचाया जा सकें। पानी के लिए सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें। यदि पानी दूषित होने की संभावना हो तो उसमें क्लोरिनेशन करवाएं तथा क्षेत्र में क्लोरिन की गोलियों का उपयोग करें। गंदे, सडे़ गले व कटे हुए फलों का एवं बाजार में खुले खाद्य पदार्थो का सेवन ना करें। सब्जियों को व फलों को साफ पानी से धोने के बाद ही उपयोग करें। लू से बचाव के लिए दोपहर में अत्यावश्यक कार्य होने पर मुंह एवं कानो से कपडे को ढ़ककर घर से बाहर निकले, पानी का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करें। लू लगने की संभावना होने पर तत्काल नजदीक की सरकारी अस्पताल में उपचार अवश्य कराएं और अपने घरो के शौचालय को स्वच्छ रखें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किशोर नागवंशी ने बताया कि लू एवं जलजनित तथा दूषित खाद्य पदार्थो से होने वाली बीमारियों से कैसे बचे तदानुसार खाने पीने हेतु स्वच्छ एवं सुरक्षित पानी का उपयोग करें, बाजार में उपलब्ध सभी पेय पदार्थो की ताजगी एवं शुद्वता पर ध्यान रखा जाए, सदैव शौच से आने के बाद हाथ साफ पानी से अच्छी तरह धोएं, खाना बनाने, परोसने व खाने के पहले हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं।
ताजे बने भोजन वस्तुओं का ही सेवन करें, ज्यादा देर का बना व वासी खाद्य वस्तु का सेवन ना करें, सदैव भोजन व खाद्य वस्तुओं को ढककर रखें ताकि मक्खी व धूल से दूषित होने से बचाया जा सकें। पानी के लिए सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें। यदि पानी दूषित होने की संभावना हो तो उसमें क्लोरिनेशन करवाएं तथा क्षेत्र में क्लोरिन की गोलियों का उपयोग करें। गंदे, सडे़ गले व कटे हुए फलों का एवं बाजार में खुले खाद्य पदार्थो का सेवन ना करें। सब्जियों को व फलों को साफ पानी से धोने के बाद ही उपयोग करें। लू से बचाव के लिए दोपहर में अत्यावश्यक कार्य होने पर मुंह एवं कानो से कपडे को ढ़ककर घर से बाहर निकले, पानी का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करें। लू लगने की संभावना होने पर तत्काल नजदीक की सरकारी अस्पताल में उपचार अवश्य कराएं और अपने घरो के शौचालय को स्वच्छ रखें।
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