शिवपुरी। जिला अस्पताल में कैंसर शिविर का नाम सुनकर इलाज के लिए शनिवार को खनियांधाना के कुटावली गांव से आई महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। मेडीकल कॉलेज की टीम और जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मिलकर ओटी में महिला के स्तन कैंसर की सर्जरी कर उसको नया जीवन दिया है। खास बात यह है कि एमआरएम पद्धति से यह सर्जरी जिला अस्पताल में पहली दफा हुई है। जिला अस्पताल में एक दशक बाद हुए स्तन कैंसर के इस ऑपरेशन में डॉक्टरों को डेढ़ घंटे से अधिक का समय लगा। ऑपरेशन में अहम भूमिका मेडीकल कॉलेज की सर्जरी की सहायक प्राध्यापक डॉ. नीति अग्रवाल और सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे की टीम की रही।
अभी तक कैंसर हॉस्पिटल ग्वालियर या जयारोग्य में होते थे ऑपरेशन
अभी तक कैंसर हॉस्पिटल ग्वालियर या जयारोग्य में होते थे ऑपरेशन
सिविल सर्जन डॉ. खरे का कहना है कि एक दशक बाद जिला अस्पताल में कैंसर की सर्जरी का यह ऐसा मामला है जिसमें मेडीकल कॉलेज और जिला अस्पताल की टीम ने मिलकर खनियांधाना की महिला प्रेमबाई के स्तन कैंसर की सर्जरी की है। खास बात यह है कि अभी तक इस तरह की सर्जरी के लिए यहां न तो चिकित्सक मौजूद थे और न ही संसाधन। इस वजह से ऐसे मामलों को कैंसर हॉस्पिटल या जयारोग्य हॉस्पिटल ग्वालियर में रैफर कर दिया जाता था, लेकिन अब इस तरह की सर्जरी जिला अस्पताल में ही शुरू हो गई है।
एमआरएम पद्धति से डेढ़ से दो घंटे चला ऑपरेशन
शनिवार को जिला अस्पताल की ओटी में महिला के स्तन कैंसर की सर्जरी एमआरएम पद्धति से की गई। प्रेमबाई के स्तन कैंसर की यह सर्जरी मेडीकल कॉलेज में सर्जरी की सहायक प्राध्यापक डॉ. नीति अग्रवाल, एनेस्थीसिया की डॉ. प्रियंका, सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे व डॉ. ओम तिवारी ने मिलकर की है। खास बात यह है कि महिला के स्तन कैंसर का यह ऑपरेशन डेढ़ से दो घंटे तक चला। इसके साथ ही डॉक्टरों ने महिला को नया जीवन दिया। जानकारों का कहना है कि जिला अस्पताल में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल में पहली दफा एमआरएम पद्धति से महिला के स्तन कैंसर की सर्जरी सफलता के साथ की गई है। मेडीकल कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ. नीति अग्रवाल और जिला अस्पताल टीम की इसमें अहम भूमिका रही। इस तरह के ऑपरेशन बहुत ही कम होते हैं। तकरीबन 10 साल बाद यहां कोई कैंसर की सर्जरी हुई है।
डॉ. पीके खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल शिवपुरी।
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