शिवपुरी शहर के मेडिकल कॉलेज से सोमवार को एक नवविवाहिता के कथित अपहरण की खबर ने शहरभर में सनसनी फैला दी। दिनभर चली अफवाहों, चक्काजाम और पुलिस की बेचैनी के बाद रात में यह राज खुला कि यह कोई अपहरण नहीं बल्कि एक सोची-समझी प्रेम कहानी का ‘प्लॉट’ था, जिसे समाज में बदनामी से बचने के लिए परिजनों द्वारा 'किडनैपिंग' का नाम दे दिया गया था।
बचपन में मां को खो चुकी प्रीति को ताई ने पाल-पोसकर बड़ा किया
रामनगर निवासी 20 वर्षीय प्रीति परिहार की मां का बचपन में ही निधन हो गया था। उसके पिता शराब के आदी थे। ऐसे हालात में उसकी ताई मिथलेश परिहार ने उसे अपनी बेटी की तरह पाला-पोसा और जीवनभर मां की भूमिका निभाई। प्रीति की परवरिश पूरी तरह से मिथलेश ने की थी और उसी ने हाल ही में प्रीति की शादी भी तय की थी।
मां ने बताया था काली कार से अपहरण, खुद हो गई बेहोश
घटना की शुरुआत सोमवार दोपहर चार बजे हुई, जब रामनगर की रहने वाली मिथलेश परिहार ने कोतवाली पहुंचकर बताया कि उसकी बेटी प्रीति परिहार (20) का मेडिकल कॉलेज से लौटते समय अपहरण हो गया है। मिथलेश के मुताबिक, जब वे दोपहर डेढ़ बजे ऑटो में मेडिकल कॉलेज से निकलीं, तभी 500 मीटर दूर एक काली कार ने ऑटो को रोका, मिथलेश को धक्का देकर नीचे गिराया और प्रीति को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। उसने यह भी दावा किया कि उसे किसी नशीली वस्तु की गंध सुंघाई गई, जिससे वह विरोध नहीं कर सकी।
चक्काजाम और विधायक का अल्टीमेटम
घटना की खबर मिलते ही नवविवाहिता के ससुराल और मायके पक्ष के लोग कोतवाली पहुंच गए। हंगामे के बाद रात 9 बजे माधव चौक पर परिजनों ने चक्काजाम कर दिया। इसी बीच पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह भी मौके पर पहुंचे और पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सुबह तक युवती नहीं मिली तो मंगलवार सुबह पुनः चक्काजाम किया जाएगा। यह बात उन्होंने फेसबुक पर भी लिख दी।
पुलिस ने जब सीसीटीवी खंगाले तो सामने आई हकीकत
शुरुआत में पुलिस को मिथलेश की बातों पर संदेह हुआ, क्योंकि पूछताछ में वह बार-बार बेहोश हो रही थी। जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला, तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। मेडिकल कॉलेज से लेकर माधव चौक तक के फुटेज में प्रीति और मिथलेश को ऑटो में बैठकर आते, उतरते और फिर मिर्ची बाजार की ओर जाते हुए देखा गया। यह सब डेढ़ बजे के बाद की गतिविधियां थीं, जिससे स्पष्ट हुआ कि अपहरण की कहानी झूठी थी।
देर रात टूट गई मिथलेश, उगले साजिश के राज़
जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज दिखाए, तो मिथलेश टूट गई और उसने बताया कि यह पूरा मामला समाज में बदनामी से बचने के लिए रचा गया था। प्रीति अपने प्रेमी अमन कश्यप से शादी करना चाहती थी, जो कि कानपुर का निवासी है और तीन साल से शिवपुरी के रामनगर टोल प्लाजा पर काम कर रहा है। दोनों के बीच दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
मां और भाई ने रची फिल्मी साजिश
प्रेम विवाह समाज को मंजूर नहीं था, इसलिए पहले समाज के युवक से प्रीति की शादी कर दी गई। इसके बाद योजना बनाई गई कि कुछ दिन बाद अमन के साथ भागने का बहाना 'अपहरण' का रूप दिया जाएगा। मिथलेश ने अपने बेटे दीपक की मदद से यह साजिश रची। दीपक भी घटना के समय शिवपुरी में ही मौजूद था।
अमन के साथ भागकर कानपुर पहुंची प्रीति
पुलिस की जांच में सामने आया कि अमन कश्यप सोमवार दोपहर अपनी कार से शिवपुरी आया और प्रीति को लेकर सीधे कानपुर निकल गया। जैसे ही साजिश का भंडाफोड़ हुआ, कोतवाली पुलिस रात ढाई बजे कानपुर रवाना हो गई है।
कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि यह पूरा मामला झूठे अपहरण की कहानी पर आधारित था। पुलिस प्रीति को बरामद कर जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करेगी।
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