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विवेकानंद पुरम के जिस पार्क में विराजे भगवान शिव वहां बह रही सीवर

शिवपुरी। शहर के फिजीकल इलाके में पॉश कालोनी विवेकानंद पुरम में एक से एक नामी गिरामी और मध्यम वर्ग के लोग निवास करते हैं। एक समय यहां हाउसिंग बोर्ड ने कुछ भवनों का निर्माण कराया था जिन्हें बाद में लोगों ने लाटरी के माध्यम से यहां भवन अपने नाम कर लिए। कॉलोनी का विस्तार हुआ तो प्लाटिंग के बाद लोगों ने अपने मकान भी बना लिए हैं और अब यह पूरा इलाका नगर पालिका की देखरेख में है। यहां नपा अपने फर्ज निभाने में फैल नजर आ रही है। कुछ सडकों पर सीसी निर्माण तो हुआ लेकिन आसपास न तो पेवर्स लगाई गई है और न ही नालियों का निर्माण हुआ है जिसके नतीजे में गंदा पानी सडकों पर बह रहा है। सबसे ज्यादा शर्मनाक हालात यहां के उस पार्क के हैं जिसमें भगवान शिव विराजे हैं और भव्य मंदिर बना हुआ है। आसपास पार्क के लिए पर्याप्त भूमि भ्ी है लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि इस पार्क में हाउसिंग बोर्ड ने कभी सीवर का टैंक बनाया था जो अब लगातार उफनता रहता है। यानि कि जिस पार्क में जाकर लोग पर्यावरण से मिलने वाले लाभ प्राप्त कर सकते हैं वहां उन्हें सीवर के चलते जाने में परेशानी होती है। इतना ही नहीं जो लोग आसपास रह रहे हैं वे न तो ठीक से खाना खा पाते हैं और दु्‌र्गंध के चलते रात में बदबू भी दौडती रहती है।

अब पुलिस में होता तो उठाकर बंद कर देता
इस पार्क के पास रहने वाले सेनि पुलिसकर्मी श्रीराम दोहरे को सीवर पर मलाल है। वे गुस्से में कहते हैं कि रात को सो नहीं पाता। बीमारियां घर कर गई हैं। हर जगह शिकायत कर ली लेकिन कोई जिम्मेदार इस सीवर से निजात नहीं दिला पा रहा। यहां के एक और निवासी गजेन्द्र सिंह यादव कहते हैं कि देश भर में स्वच्छता को लेकर क्या क्या नहीं हो रहा। लेकिन यहां जीवन नरक बनाकर रख दिया है।

आधे पैसे हमसे ले लो लेकिन दुख दूर करो
कालोनी के लोगों का कहना है कि सीवर के टैंक को यहां से बंद कर दिया जाए। अन्यत्र इसकी व्यवस्था की जाए और इसमें जो खर्च हो उसमें आधा नगर पालिका बहन कर लें बाकी का पैसा हम कालोनी वाले लोग दे देंगे लेकिन इस नरक से तो मुक्ति मिलनी चाहिए।

यह बोले लोग
कालोनी में सडक तो बना दी लेकिन आसपास न तो पेवर्स लगाई है और न ही नालियों का निर्माण किया। यहां तक कि ऊंची सीसी रोड के किनारे से लोग गिर जाते हैं।

देवेश गोयल
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मेरा घर शांति नगर और कान्हा कुंज के बीच में मुख्य सडक पर है। पास में करौंदी का संपबैल बना है यहां लाइन फूटी पडी है। पानी की बरबादी हो रही है।
बंटी शर्मा
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मेरे घर के पास सीसी सडक आधी बनाकर छोड दी। एक बडा गडडा बीच सडक पर मौजूद हैं। पास में स्कूल है। बच्चे यहां आए दिन गिरते रहते हैं।
केदार गोस्वामी
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कालोनी में बिजली तो आती है लेकिन पानी की समस्य है। कालोनी के नलकूप से ही पानी मिल रहा है। फिजीकल संपबैल या नई टंकी से लाइन जुडे तो काम बनें।
शैलेन्द्र समाधिया वकील
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कालोनी में लोगों की नालियां नहीं बनी। सडक पर पानी बहता रहता है। यदि नालियों का निर्माण हो जाए तो गंदगी से निजात मिल सकती है।
रोबिन गर्ग
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पर्यावरण का लाभ लेने के लिए लोग पार्क विकसित करते हैं हमने भी यह सपना देखा था कुछ पौधे भी लगाए लेकिन सीवर देखिए किस तरह बह रहा है।
संजय सिंह
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भगवान शंकर जिस पार्क के मंदिर में विराजे हैं। उनके आसपास गंदगी बह रही है। नगरपालिका अपना दायित्व नहीं निभाती। रात दिन बदबू दौडती रहती है।
गजेन्द्र सिंह यादव
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पार्क में खुलेआम सीवर बह रहा है। वह भी कई मकानों से जुडा हुआ टैंक है इस सीवर के टैंक को बंद करें रात दिन बदबू दौडती रहती है।
श्रीराम दौहरे
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हम लोग पार्क का आनंद उठाना चाहते हैं लेकिन यह विकसित कैसे करें क्योंकि इसमें सीवर बहता है। नपा टैक्स ले लेती हैं लेकिन अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करती।
आशीष श्रीवास्तव
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कालोनी में वैसे तो सब ठीक हैं लेकिन पॉश् कालोनी होने के कारण नालियों का निर्माण भी होना आवश्यक हो गया है यदि जल्द ही नालियों का निर्माण करा दिया जाए तो ठीक होगा।
एनपी श्रीवास्तव
फोटो-1 शिव 19, 20
कैप्सन-विवेकानंद पुरम में कुछ इस तरह बह रहा है सीवर जिससे लोग हो रहे हैं परेशान

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