शासन और प्रशासन को ग्रामीणों के और करीब लाकर उनकी समस्याओं तथा शिकायतों का त्वरित निराकरण के लिए एक अगस्त गुरूवार से “आपकी सरकार- आपके द्वार” अभियान प्रारंभ किया जायेगा। कलेक्टर श्री तरूण पिथोड़े ने बताया कि पहला शिविर बैरसिया जनपद के हर्राखेड़ा में लगाया जायेगा। इस दिन किसी एक गांव में सरकारी योजनाओं का मैदानी जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। इस गांव का नाम गुप्त रखा जाएगा।
कलेक्टर श्री पिथोड़े ने बताया कि शासन की मंशा है कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं के हल और आवश्कताओं की पूर्ति के लिए प्रशासन को जनता के द्वार तक पहुंचने की है। उन्होंने बताया कि इससे प्रशासन की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी और नागरिकों की विकास संबंधी मांगे प्राप्त कर उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। इन शिविरों से ग्रामीणों के धन और समय की बचत तो होगी ही वे सभी जिलास्तरीय अधिकारियों के समक्ष एक ही दिन अपनी समस्याएं भी निराकृत करा सकेंगे। इस अभियान से सभी कार्यालयों के क्रियाकलापों का सोशल आडिट भी हो जाएगा
शिविर में राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, ऊर्जा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा सहकारिता विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर ग्रामीणों से जुड़े अन्य विभागों के अधिकारियों को भी बुला सकते हैं।
कलेक्टर श्री पिथोड़े ने बताया कि शिविर के दिन पहले सत्र में किसी एक ग्राम में शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति देखने के लिए सभी अधिकारी पहुंचेंगे। गांव का नाम पहले से नहीं बताया जाएगा। दूसरे सत्र में विकासखंड मुख्यालय या ऐसे बड़े ग्राम में आपकी सरकार आपके द्वार शिविर लगाया जाएगा जहां हाट बाजार लगता हो। उन्होंने बताया कि शिविर स्थल पर ही ग्रामीणों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्रामीणों से उनकी शिकायत और समस्याओं के आवेदन लेकर यथा संभव मौके पर ही निराकरण किया जाएगा। अपवाद स्वरूप कोई आवेदन लंबित रहता है तो उसे भी न्यूनतम समय सीमा में निराकृत किया जाएगा।
श्री पिथोड़े ने बताया कि माह में कम से कम दो शिविर तो लगाए ही जायेंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों की कम्प्यूटर में प्रविष्टी भी की जाएगी जिससे उसकी उचित मानीटरिंग भी हो सके। राज्य शासन ने संपूर्ण अभियान में प्राप्त होने वाले आवेदनों और उनके निराकरण के लिए एनआईसी स्तर पर भी एक साफ्टवेयर तैयार किया है। इसी साफ्टवेयर से राज्य शासन भी पूरे अभियान की निगरानी करेगा।
कलेक्टर श्री पिथोड़े ने बताया कि शासन की मंशा है कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं के हल और आवश्कताओं की पूर्ति के लिए प्रशासन को जनता के द्वार तक पहुंचने की है। उन्होंने बताया कि इससे प्रशासन की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी और नागरिकों की विकास संबंधी मांगे प्राप्त कर उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। इन शिविरों से ग्रामीणों के धन और समय की बचत तो होगी ही वे सभी जिलास्तरीय अधिकारियों के समक्ष एक ही दिन अपनी समस्याएं भी निराकृत करा सकेंगे। इस अभियान से सभी कार्यालयों के क्रियाकलापों का सोशल आडिट भी हो जाएगा
शिविर में राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, ऊर्जा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा सहकारिता विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर ग्रामीणों से जुड़े अन्य विभागों के अधिकारियों को भी बुला सकते हैं।
कलेक्टर श्री पिथोड़े ने बताया कि शिविर के दिन पहले सत्र में किसी एक ग्राम में शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति देखने के लिए सभी अधिकारी पहुंचेंगे। गांव का नाम पहले से नहीं बताया जाएगा। दूसरे सत्र में विकासखंड मुख्यालय या ऐसे बड़े ग्राम में आपकी सरकार आपके द्वार शिविर लगाया जाएगा जहां हाट बाजार लगता हो। उन्होंने बताया कि शिविर स्थल पर ही ग्रामीणों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्रामीणों से उनकी शिकायत और समस्याओं के आवेदन लेकर यथा संभव मौके पर ही निराकरण किया जाएगा। अपवाद स्वरूप कोई आवेदन लंबित रहता है तो उसे भी न्यूनतम समय सीमा में निराकृत किया जाएगा।
श्री पिथोड़े ने बताया कि माह में कम से कम दो शिविर तो लगाए ही जायेंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों की कम्प्यूटर में प्रविष्टी भी की जाएगी जिससे उसकी उचित मानीटरिंग भी हो सके। राज्य शासन ने संपूर्ण अभियान में प्राप्त होने वाले आवेदनों और उनके निराकरण के लिए एनआईसी स्तर पर भी एक साफ्टवेयर तैयार किया है। इसी साफ्टवेयर से राज्य शासन भी पूरे अभियान की निगरानी करेगा।

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