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समय पर पशु का टीकाकरण न होने के कारण हो सकती है रेबीज की बीमारी : डॉ. श्रीवास्तव

रेबीज से बचाव के लिए पशुओं का किया गया निःशुल्क टीकाकरण
कुत्तों को रेबीज रोग से बचाने के लिए शहर के मध्य हाथीखाना में स्थित पेट क्लीनिक पर एक दिवसीय निःशुल्क टीकाकरण शिविर का आयोजन स्थानीय राजौरिया मेडिकल संचालक विजय राजौरिया द्वारा किया गया। इस टीकाकरण शिविर में विशेषज्ञ पशु चिकित्सक डॉ. अमित श्रीवास्तव, डॉ. जेबीबी राजू एवं डॉ. जे. श्वेता द्वारा शिविर में आने वाले कुत्तों को निःशुल्क रेबीज का टीकाकरण किया गया। इस शिविर में दूर-दराज क्षेत्रों से पशु मालिक अपने विभिन्ना वैरायटियों के कुत्तों को लेकर आए, जहां उन्होंने संबंधित रोग के इलाज को लेकर टीकाकरण कराया। इसके कारण अन्य कारण व बचावों की जानकारी प्राप्त की।
शिविर में आए पशु स्वामियों को रेबीज रोग के बारे में जानकारी देते हुए डॉ.अमित श्रीवास्तव ने बताया कि रेबीज कुत्ते-बिल्ली व इन्हीं प्रजातियों के जानवरों के काटने से होती है, जिसका समय पर पशु को टीकाकरण आवश्यक है, लेकिन यहां शिविर के दौरान देखने को मिला कि जागरूकता के अभाव में लोगों ने कुत्तों को पाल तो रखे हैं, लेकिन उनका समय पर टीकाकरण नहीं करा पाने के कारण अक्सर रेबीज की यह गंभीर बीमारी किसी मनुष्य को काटने पर मौत भी हो जाती है, जिसका स्वयं पशु भी शिकार होते हैं। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार कुत्ते के काटने एवं पशु की लार के संपर्क में आने से यह रोग फैलता है। इसलिए इससे बचें और इसके बचने के लिए हर तीन माह में कुत्ते-बिल्ली को टीकाकरण आवश्यक है। शिविर में 3 माह और उससे अधिक उम्र के पशुओं को शिविर के दौरान टीकाकरण किया गया और पशु स्वामियों को रेबीज की जानकारी देकर नियमित टीकाकरण पर बल दिया, ताकि पशु या मनुष्य रेबीज रोग का शिकार न हो। इस शिविर में शहर के दूर-दराज इलाकों व स्थानीय रहवासियों द्वारा जो अपने घर में कुत्ते बिल्ली पालते हैं, वह टीकाकरण कराने शिविर में पहुंचे। पशुओं को टीकाकरण कराकर इस रोग से बचाव में अपनी महती जिम्मेदारी का निर्वहन किया। शिविर में करीब आधा सैकड़ा पशुओं का टीकाकरण किया गया। शिविर सहयोगी व आयोजक विजय राजौरिया ने बताया कि आगामी भविष्य में भी इस तरह के अन्य निःशुल्क टीकाकरण शिविर लगाकर लोगों को और भी जागरूक किया जाएगा।
7 कैप्शन : रेबीज रोग से बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण करते हुए डॉक्टर।

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