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कश्मीर में इतना विकास होगा कि उस पार वाले भी कहेंगे, काश: राज्यपाल सत्यपाल मलिक


   

Image copyrightAFP/GETTY IMAGESसत्य पाल मलिक
बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि एक दो दिन में कश्मीर के विकास के लिए बड़ी घोषणा होगी.
साथ ही उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि आज तक उन्होंने अपना स्टैंड साफ़ नहीं किया.
राहुल गांधी के लिए इशारों-इशारों में उन्होंने कहा, "उनके लिए मैं बोलना नहीं चाहता क्योंकि देश के प्रतिष्ठित परिवार का लड़का है और उन्होंने पॉलिटिकल जुवेनाइल की तरह व्यवहार किया. इसी कारण उनके यूएन को दी पाकिस्तान की चिट्ठी में उनकी बयानों का ज़िक्र है."
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं बताना चाहिए लेकिन जिस वक़्त देश में चुनाव आएगा उनके विरोधी को कुछ कहने की ज़रूरत नहीं होगी. वो सिर्फ़ कह देंगे कि ये 370 के हिमायती हैं, लोग जूतों से मारेंगे."
संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बारे में उन्होंने कहा, "सरकार ने जो फ़ैसला लिया वो यहां के लोगों की तरक़्क़ी के लिए लिया गया है."
उन्होंने कहा, "लोग पीछे छूट रहे थे उनका विकास नहीं हो रहा था. तो वो काम अब हो गया है इस पर कोई बहस की ज़रूरत नहीं है."
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के संबंध में उन्होंने कहा कि "मैं आश्वस्त करता हूं कि छह महीने में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इतना कुछ होगा कि जो पार वाला कश्मीर है वहां के लोग ये कहने लगेंगे कि हम उन जैसा होना चाहते हैं. इसके लिए केंद्र सरकार की लगातार बैठकें हो रही हैं और मंत्रालयों की टीमें आ रही हैं."
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि अनुच्छेद 370 के ख़त्म होने की घोषणा से पहले सरकार की पहली प्राथमिकता क़ानून व्यवस्था बनाए रखनी थी.
उन्होंने कहा, "कुछ दिनों के लिए संचार संपर्क नहीं होना मुश्किल होती है, लेकिन आप 10-20 दिन तक थोड़ी मुश्किल सह लें, उसके बाद यहां काफ़ी कुछ बदल जाएगा. फ़ोन जब नहीं था तब भी मुश्किलें आती थी."
"हमारे लिए जम्मू कश्मीर की हर एक जान कीमती है और हम नहीं चाहते कि एक भी कश्मीरी भाई की जान हमारे हिस्से लगे."
जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान घायलों और पीड़ितों के बारे में उन्होंने कहा, "ग़लत ख़बरें फैलाई जा रही हैं कि यहां अधिक मौतें हो रही हैं, लेकिन ऐसा है नहीं. यहां कोई मौत नहीं हुई है और जो घायल हैं वो कमर के नीचे घायल हैं."
जम्मू-कश्मीर में इंटरने पर लगी पाबंदी के बारे में उन्होंने कहा, "इंटरनेट और फ़ोन का इस्तेमाल हम थोड़ा बहुत करते हैं लेकिन उग्रवादी अधिक करते हैं और इस कारण फ़िलहाल यहां इंटरनेट बंद किया गया है. इंटरनेट के ज़रिए सारा झूठ फैलाया जा रहा है इस कारण हम इसे धीरे-धीरे खोल देंगे"
"जम्मू के 10 ज़िले, लद्दाख के दो ज़िले और हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में कई जगहों पर इंटरनेट की सुविधा खोली जाएगी. बाक़ी जगहों पर इसे चरणबद्ध तरीक़े से धीरे-धीरे खोला जाएगा."
साथ ही उन्होंने कहा कि "प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठीक काम कर रहा है, सार्वजनिक यातायात सामान्य है."
Image copyrightGETTY IMAGESजम्मू कश्मीर

गवर्नर सत्यपाल मलिक ने और क्या-क्या कहा

  • नॉर्मेल्सी में वापिस आने के लिए मैं आपको बताना चाहता हूं कि यहां की संस्कृति और परंपरा को हम बनाए रखेंगे.
  • आने वाले तीन महीनों में यहां की सरकार में नौकरियों में 50,000 लोगों की भर्ती की जाएगी. ये इस प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी रिक्रूटमेन्ट ड्राइव है.
  • सेब के किसानों की समस्या से हम वाक़िफ़ हैं. यहां 22 लाख मेट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. किसानों की समस्यों के निपटारे के लिए सेब की एमएसपी तय की जाएगी जो बाज़ार के भाव से कम से कम 10 रूपये अधिक होगा. यहां पैदा होने वाले कुल सेब का कम से कम 50 फीसदी नैफेड एमएसपी के दाम पर ख़रीदेगी.
  • यहां दो नए एम्स अस्पताल खुलने वाले हैं और उस पर काम चल रहा है. पांच नए मेडिकल कॉलेज भी आए हैं.
  • स्किल डेवेलपमेन्ट सेक्रेटरी से मैंने बात की है. हर ज़िले में स्किल डेवेलपमेन्ट के लिए एक आईटीआई होगा जो लोगों को काम सिखाने का काम करेगा.
  • प्रधानमंत्री ने हर मंत्रालय से कहा है कि वो कश्मीर के लिए क्या कर सकते हैं और इस कारण हर मंत्रालय से यहां टीमें आ रही हैं और स्थिति का जायज़ा ले रही हैं.

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