डॉ. आशीष व्यास ने बताया कि भारत में तम्बाकू के उपभोग से प्रतिवर्ष 13 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो जाती है। मप्र में कुल 50.2 प्रतिशत पुरूष एवं 17.3 प्रतिशत महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों में प्रमुख मुख का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, टीबी इत्यादि प्रमुख हैं। तम्बाकू में निकोटिन होता है, जिससे इसकी लत पड़ जाती है। पहली बार में ही तम्बाकू के सेवन से बचना ही इसका एकमात्र उपाय है। तम्बाकू के धुएं में चार हजार किस्म के रसायन होते हैं, जिसमें से साठ तत्व कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान नहीं करता है, लेकिन उसके आसपास बीड़ी, सिगरेट के धुएं मे सांस ले रहा है तो इसे निष्क्रिय धूम्रपान कहते हैं, यह अत्यंत खतरनाक होता है। धूम्रपान से गर्भवती महिला का गर्भ गिर सकता है। महिला एवं पुरुषों में बांझपन एवं गैंगरीन का एक प्रमुख कारण तम्बाकू है। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन प्रभारी प्राचार्य रतीराम धाकड़ ने व्यक्त किया।
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