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घरेलू कामकाज के साथ अपनी डेयरी चलाएगी आशा गुर्जर " खुशियों की दास्तां"

  
   
   
जिले के पिछोर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत देवरीखुर्द के ग्राम गढ़ौली निवासी श्रीमती आशा गुर्जर घरेलू कामकाजी महिला है। वह घर में गाय-भैंसों की देखभाल भी करती है। कुछ समय पहले उनके मन में विचार आया कि वह घर के काम के साथ-साथ पशुपालन भी कर रही है परन्तु इसका घर की आमदनी बढ़ाने में ज्यादा योगदान नहीं मिल रहा है। उन्होंने सोचा कि पशुओं की संख्या और बढ़ाई जाए। उनसे प्राप्त दूध को बाजार में बेचकर लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने अपने घर में भी इस पर चर्चा की है। सभी के सहमति के साथ उन्होंने डेयरी खोलने का निर्णय लिया है।
    डेयरी खोलने के लिए उन्हें पूंजी की भी आवश्यकता थी। उन्होंने ऋण लेने के बारे में सोचा। उन्हें किसी माध्यम से आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना की जानकारी मिली। उन्हें पशुपालन विभाग के कार्यालय में आकर योजना के संबंध में पूरी जानकारी ली और आवेदन कर दिया। उनका आवेदन स्वीकृत हो गया है और कुल 6 लाख 40 हजार रूपए का ऋण स्वीकृत हो गया है।
    श्रीमती आशा गुर्जर का कहना है कि अब धनराशि मिलते ही डेयरी का काम शुरू करेंगे। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक होगी और वह अपनी स्वंय की डेयरी स्थापित करने में सफल होंगी। उनका कहना है कि सरकार महिलाओं को कई अवसर प्रदान कर रही है। जिससे कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।

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