
भोपाल. मध्य प्रदेश(madhya pradesh) में अब सरकारी अस्पताल (government hospitals) में भर्ती मरीज़ों को मुफ्त में खून (blood) उपलब्ध कराया जाएगा. मरीज चाहे किसी भी श्रेणी का हो अगर वो सरकारी अस्पताल में भर्ती है तो अब उसे फ्री में ब्लड की सुविधा मिल सकेगी.प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने ये आदेश जारी कर दिया है.
अभी तक सिर्फ बिलो पॉवर्टी लाइन की श्रेणी में आने वाले मरीजों को ही फ्री में ब्लड दिया जाता था. लेकिन अब एवब पॉवर्टी लाइन के श्रेणी के मरीजों को भी जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग फ्री में ब्लड सुविधा देगा.
समय पर खून न मिलने से मौत
ज्यादातर ब्लड बैंकों में ज़रूरत के समय मरीजों को ब्लड देने से पहले डोनर की व्यवस्था करने के लिए कहा जाता है.समय पर खून की व्यवस्था ना होने के कारण मरीज़ की मौत हो जाती है. समय पर खून ना मिलने के कारण होने वाली मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.अधिकांश ये देखा गया है की सड़क हादसों में घायल लोगों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को ऑपरेशन के दौरान समय पर ब्लड और कंपोनेंट नहीं मिल पाते हैं.
सरकारी अस्पतालों में सभी को फ्री में ब्लड
स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से मॉनिटरिंग कर रहा था कि समय पर खून की व्यवस्था ना होने कारण मरीज़ों की मौत हो रही है. उसकी बाद उसने ये फैसला लिया. सरकारी अस्पतालों में भर्ती सभी तरह के मरीजों को ब्लड और ब्लड कंपोनेंट मुहैया कराने के लिए उसने आदेश जारी कर दिए हैं.सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इस आदेश के अनुसार कुछ नियम और शर्तों के साथ निशुल्क ब्लड मिल सकेगा.
ज्यादातर ब्लड बैंकों में ज़रूरत के समय मरीजों को ब्लड देने से पहले डोनर की व्यवस्था करने के लिए कहा जाता है.समय पर खून की व्यवस्था ना होने के कारण मरीज़ की मौत हो जाती है. समय पर खून ना मिलने के कारण होने वाली मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.अधिकांश ये देखा गया है की सड़क हादसों में घायल लोगों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को ऑपरेशन के दौरान समय पर ब्लड और कंपोनेंट नहीं मिल पाते हैं.
सरकारी अस्पतालों में सभी को फ्री में ब्लड
स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से मॉनिटरिंग कर रहा था कि समय पर खून की व्यवस्था ना होने कारण मरीज़ों की मौत हो रही है. उसकी बाद उसने ये फैसला लिया. सरकारी अस्पतालों में भर्ती सभी तरह के मरीजों को ब्लड और ब्लड कंपोनेंट मुहैया कराने के लिए उसने आदेश जारी कर दिए हैं.सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इस आदेश के अनुसार कुछ नियम और शर्तों के साथ निशुल्क ब्लड मिल सकेगा.
स्वास्थ्य विभाग ने बदली व्यवस्थास्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक राकेश मुंशी ने सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आदेश दिये हैं कि अस्पतालों में भर्ती बीपीएल श्रेणी के मरीजों को फ्री ब्लड कंपोनेंट उपलब्ध कराए जाएं. अब तक की व्यवस्था के हिसाब से हॉस्पिटल में भर्ती गरीब मरीजों को ही फ्री में ब्लड दिया जाता था. इसके अलावा सिकलसेल, हीमोफीलिया और थैलीसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को बिना किसी शुल्क के निशुल्क ब्लड की सुविधा मिलती है. एपीएल श्रेणी के मरीजों को प्रति यूनिट ब्लड प्रोसेसिंग चार्ज देना होता था.नए आदेश के बाद एपीएल श्रेणी के मरीजों को भी निशुल्क ब्लड की सुविधा मिल सकेगी.इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों के प्रायवेट वॉर्ड में भर्ती मरीजों को प्रोसेसिंग चार्ज की निर्धारित दरों पर होल ब्लड और ब्लड कंपोनेंट दिए जाएं
रेडक्रॉस के ब्लड बैंकों से भी मिलेगा ब्लड
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक राकेश मुंशी ने रेडक्रॉस सोसाइटी को पत्र लिखकर आदेश दिये हैं कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती बीपीएल मरीजों को फ्री होल ब्लड और ब्लड कंपोनेंट दिए जाएं और सरकारी अस्पतालों में एपीएल श्रेणी के मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होने पर प्रोसेसिंग चार्ज से छूट दी जाए. लेकिन अस्पताल के प्रायवेट वॉर्ड में भर्ती मरीजों से प्रोसेसिंग चार्ज इन दरों पर लिया जाए
निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों के प्रायवेट वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग चार्जस्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक राकेश मुंशी ने रेडक्रॉस सोसाइटी को पत्र लिखकर आदेश दिये हैं कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती बीपीएल मरीजों को फ्री होल ब्लड और ब्लड कंपोनेंट दिए जाएं और सरकारी अस्पतालों में एपीएल श्रेणी के मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होने पर प्रोसेसिंग चार्ज से छूट दी जाए. लेकिन अस्पताल के प्रायवेट वॉर्ड में भर्ती मरीजों से प्रोसेसिंग चार्ज इन दरों पर लिया जाए
होल ब्लड 1050 रू. प्रति यूनिट
पैक सेल 1050 रू. प्रति यूनिट
फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा 300 रू. प्रति यूनिट
प्लेटलेट्स 300 रू. प्रति यूनिट
क्रायोप्रेसिपिपेट 200 रू. प्रति यूनिट
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