शिवपुरी. कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए शासन ने प्रत्येक ब्लॉक में पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं, परंतु इन केंद्रों के बहुत अच्छे रिजल्ट सामने नहीं आने के बाद अब शासन ने गांव में ही कम्युनिटी एनआरसी स्टार्ट करने की योजना तैयार की है, ताकि कुपोषण को जड़ से मिटाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए शासन ने ऐसे बच्चों को एक ही छत के नीचे हेल्थी भोजन और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) शुरू किए। एनआरसी जब शुरू हुईं तब तो जिले में कुछ हद तक अच्छे रिजल्ट सामने आए, क्योंकि कुपोषित बच्चे को भोजन व उपचार के अलावा एनआरसी में उसके साथ रहने वाली उसकी मां को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाती है। कुछ समय बाद धीरे-धीरे कुपोषित बच्चों के परिजनों का मोह खत्म हो गया और उन्होनें एनआरसी आना बंद कर दिया। जब जिम्मेदार अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों के एनआरसी न आने के कारणों की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि कई परिवारों में तीन-तीन बच्चे हैं जिनमें से एक अतिकुपोषित है तो मां अन्य बच्चों की देखभाल के कारण एनआरसी नहीं आ पाती अथवा उसे मजदूरी पर जाना होता है इसलिए भी वह एनआरसी नहीं आती। परिणाम स्वरूप न तो कुपोषण कम हुआ और न ही कुपोषण से होने वाली मौतें। इसी के चलते शासन ने प्रदेश के नौ जिलों में कम्युनिटी एनआरसी खोल कर कुपोषण को कम करने का प्रयास किया तो इसके अच्छे रिजल्ट सामने आए। इन परिणामों से उत्साहित होकर सरकार ने अब पूरे प्रदेश में गांवों में कम्युनिटी एनआरसी खोलने का मन बनाया है। जिले में कम्युनिटी एनआरसी की दिशा में जोर शोर से काम चल रहा है।
क्या है कम्युनिटी एनआरसी
कम्युनिटी एनआरसी में गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र पर अतिकुपोषित बच्चे को पांच दिन तक दिनभर आंगनबाड़ी केंद्र पर ही रखा जाएगा। इस दौरान बच्चे को चार बार पौष्टिक भोजन कराया जाएगा। इसके अलावा बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उसे एएनएम के माध्यम से अमोक्सीसिल्लिन नामक एंटीबायोटिक दवा भी पिलाई जाएगी। शाम को बच्चा अपने घर चला जाएगा। इस दौरान कुपोषित बच्चे की मां को आंगनबाड़ी केंद्र पर या घर पर जाकर पौष्टिक आहार के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि टीएचआर (टेक होम राशन) तो हम अभी भी बच्चों को देते हैं परंतु वह बच्चा नहीं खाता है, इसी कारण कुपोषण की दिशा में सफलता नहीं मिल पा रही। कम्युनिटी एनआरसी में यह सब बच्चे को केंद्र पर ही खिलाया जाएगा, जिससे उसका वजन बढ़ेगा।
कहां कहां खुलेंगी कम्युनिटी एनआरसी
विभाग के डीपीओ के अनुसार जिले में 10 से 20फरवरी तक बच्चों का वजन किया जाएगा। इस सर्वे में जब अतिकम वजन के बच्चों की संख्या सामने आएगी तो उसके आधार पर फस्र्ट फेज में ऐसी आंगनबाडिय़ों पर कम्युनिटी एनआरसी शुरू की जाएगी जहां कम से कम तीन अतिकम वजन के बच्चे होंगे। इसके अलावा अगर एक गांव में एक से अधिक एनआरसी हैं तो सभी एनआरसी में से किसी एक आंगनबाड़ी पर एनआरसी शुरू की जाएगी और वहां गांव की सभी आंगनबाडिय़ों के अतिकम वजन के बच्चों को लाया जाएगा।
कम्युनिटी एनआरसी शासन का नया कंस्पेट है, इसके तहत अतिकम वजन के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर ही पांच दिन तक विशेष केयर में रख कर पोषण आहार व दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान बच्चे की मां की भी काउंसलिंग की जाएगी, फिलहाल यह कार्यक्रम नौ जिलों में चल रहा था, अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। मार्च माह से जिले में कम्युनिटी एनआरसी शुरू की जाएंगी।
देवेन्द्र सुंदरयाल, डीपीओ शिवपुरी
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