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यदि कर्मचारी किसी अधिकारी की वर्दी या चिन्ह धारण करे तो क्या IPC के तहत अपराध माना जाएगा

 कई बार कुछ कर्मचारी रौब झाड़ने के लिए या फिर रिश्वत लेने या फिर किसी को धमकाने के लिए अपने अधिकारी की वर्दी या प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं तो संबंधित अपराध के लिए निर्धारित धारा के अलावा एक और धारा है जो उनके खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यदि कोई कर्मचारी किसी भी अधिकारी की वर्दी या प्रतीक चिन्ह धारण करता है लेकिन कोई अपराध नहीं करता तब भी वह कर्मचारी आईपीसी की धारा 171 के तहत अपराधी है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया जाना चाहिए


भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171, एवं धारा 140, में अंतर:-

1. IPC की धारा 140, वहाँ लागू होती हैं, जहाँ पर कोई भी सामान्य व्यक्ति तीनों भारतीय सेना (जल सेना, थल सेना, वायु सेना) के किसी भी अधिकारी या सिपाही की वर्दी या प्रतीक-चिन्ह धारण करता है या पहनता है, परन्तु इसमे उसका आशय धोखा देना या क्षति पहुचाना होना चाहिए लेकिन वह व्यक्ति वर्दी या प्रतीक चिन्ह को धारण करने से अपराधी नहीं होगा जो व्यक्ति कोई रंगमंच, नाटक, ड्रामा आदि के लिए सेना की वर्दी या प्रतीक-चिन्ह को धारण करते हैं। वह अपराधिक कार्य के अंतर्गत नहीं आएगा।

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