www.anticorruptionews.com की ताज़ा ख़बर,
ब्रेकिंग न्यूज़
भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया का भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना जयभान सिंह पवैया और उनकी जैसे लोगों के लिए निश्चित रूप से काफी कष्टकारी है। भाजपा में कुछ नेता ऐसे हैं जिनकी पॉलिटिकल आईडेंटिटी ही सिंधिया विरोध थी। जयभान सिंह पवैया ऐसा ही एक नाम है। जय भान सिंह जब मीडिया के सामने आए और ज्योतिरादित्य सिंधिया से संबंधित सवाल पूछे गए तो उनके ह्रदय में उपस्थित टीस निकल ही गई।
दिल का दर्द रुक रुककर बाहर आता रहा
जयभान सिंह पवैया ने अलग-अलग पत्रकारों से अलग-अलग बात की। स्वाभाविक है सभी पत्रकारों के सवाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के इर्द-गिर्द जरूर थे। जयभान सिंह पवैया ने काफी संतुलित रहने की कोशिश की परंतु कभी-कभी कुछ शब्द ऐसे निकल गए जो उनके दर्द को एक्सप्रेस करते हैं। टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ' उपचुनाव में मतदाता भारतीय जनता पार्टी को वोट देने के लिए तैयार है। अगर किसी उम्मीदवार का कर्मों का बैगैज बहुत भारी नहीं हुआ तो 100% उपचुनाव में हमारी जीत निश्चित है। एक अन्य टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी क्षत्रप के लिए काम नहीं करता। मैं हिंदुत्व के लिए काम करता हूं। राष्ट्रवाद की विचारधारा के लिए काम करता हूं।
कौन है जय भान सिंह पवैया, बेरोजगार क्यों हो गए
सोशल मीडिया से राजनीति के पाठ पढ़ने वाले ज्यादातर लोग जयभान सिंह पवैया को भारतीय जनता पार्टी का नेता मानते हैं। असल में जयभान सिंह पवैया बजरंग दल के नेता रहे हैं। ग्वालियर के तत्कालीन सांसद स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का विरोध करने के कारण जयभान सिंह पवैया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया। यदि जय भान सिंह पवैया सिंधिया विरोधी नहीं होते तो आज भी विश्व हिंदू परिषद के नेता होते हैं। अब जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं तो जयभान सिंह पवैया के पास कोई रोजगार ही नहीं रहा।
0 टिप्पणियाँ