शिवपुरी। प्रशासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर में गुरुवार की दोपहर से शाम तक करीब आधा सैंकड़ा मजदूरों और उनके बच्चों को क्वॉरंटीन किया। यह सभी मजदूर कागजों में तो क्वॉरंटीन थे, परंतु वास्तविकता यह थी कि देर शाम तक यह खुले आसमान के नीचे पड़े रहे।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल से और शहर के नाकों से कई लोगों को आज भी क्वारंटीन सेंटर भेजा गया। यह लोग क्वारंटीन सेंटर पहुंचे तो पता चला कि वहां के स्टाफ ने इन लोगों को कमरे उपलब्ध करवाने से स्पष्ट मना कर दिया।
कुछ लोगों ने मामले की जानकारी पत्रिका को दी तो पत्रिका की टीम शाम सात बजे क्वॉरंटीन सेंटर पर पहुंची, जहां लोगों का कहना था कि हम दोपहर दो बजे से यहां बैठे हुए हैं, परंतु हमें यह कह कर कमरा नहीं उपलब्ध कराया है कि कमरे खाली ही नहीं हैं। उक्त लोगों के अनुसार उन्होंने शाम को निरीक्षण पर आए अपर कलेक्टर को भी इस बात से अवगत कराया, तो उनका कहना था कि सर्दी, बरसात तो है नहीं, ऐसे में आप बाहर ही रुक जाओ।
पत्रिका ने जब इस मामले में हॉस्टल अधीक्षक एनएम पठान से बात की, तो उन्होंने भी इन लोगों को रुकवाने से यह कह कर मना किया कि उनके यहां 70 लोग रुके हुए हैं, कमरे खाली नहीं हैं। बकौल हॉस्टल अधीक्षक वह इस बात को अभी एडीएम साहब को भी बता चुके हैं। जब मामले की जानकारी कलेक्टर अनुग्रहा पी को दी, तो उनका कहना था कि हॉस्टल में पर्याप्त कमरे और जगह है। मैं अभी वहां किसी को भिजवा कर सभी मजदूरों के रुकने की व्यवस्था करवाती हूं।
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