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जानलेवा उत्खन्न: रेत की चोरी के चक्कर में गई मजदूर की जान, हफ्ते में तीसरी मौत


करैरा। करैरा तहसील पर अवैध उत्खन्न कंलक की भांति हैं। करैरा में लगातार रेत चोरी और अवैध परिवहन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अवैध उत्खन्न और परिवहन अब जानलेवा साबित हो रहे हैं। मंगलवार को भी फिर अवैध उत्खन्न और परिवहन के चक्कर में एक मजदूर की जान चली गई हैं। यह सप्ताह में तीसरा मामला हैं।

जानकारी के अनुसार अवैध रेत खनन को लेकर बदनाम करैरा क्षेत्र के टीला गांव में मंगलवार को कोपरा निकालने के दौरान ट्रॉली के पहिए के नीचे आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। करैरा के टीला गांव में कोपरा खनन के लिए मंगलवार को भरत दुबे ट्रैक्टर लेकर गया था। उसके साथ गांव का हरी (52) पुत्र पुन्ना रजक व अन्य लोग गए थे।

सुबह करीब 9 बजे कोपरा भर जाने पर हरी रजक ट्रैक्टर व ट्रॉली के बीच से नीचे गिर गया। इसी दौरान ड्राइवर भरत दुबे ने ट्रैक्टर चालू कर दिया और तेजी व लापरवाही से चलाकर ले गया। ट्रॉली के पहिए के नीचे आने से हरी रजक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से भाग निकला। पुलिस ने धारा 304ए भादवि के तहत मुकदमा दर्ज कर मामला विवेचना में ले लिया है।यह है पिछले घटनाक्रमकरैरा के फतेहपुर में रेत से भरे डंपर ने 3 जून की शाम महिला कुशुमा (30) पत्नी मानसिंह जाटव निवासी दतिया को कुचल दिया। महिला ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया। महिला अपने मायके आई थी और बाइक से भाई के संग रिश्तेदारी में जा रही थी।इसी तरह 7-8 जून की रात मजदूर बलवीर उर्फ कलुआ (20) पुत्र लायकराम निवासीहथेड़ा को माफिया रेत खनन के लिए ले गया। रात के अंधेरे में ट्रॉली से गिरकर उसकी मौत हो गई। अब 9 जून को हरी रजक की जान चली गई है। इन वाहनो में अवैध रेत भरी होती हैं और जल्दी के चक्कर में लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने के कारण यह हादसे घटित हुए हैं। 

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