आकाश खटीक एंटी करप्शन न्यूज़
भोपाल : मध्यप्रदेश अब स्मार्ट ट्रेफिक सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है। भोपाल, इंदौर के बाद पूरे प्रदेश में ई चालान सिस्टम लागू किया जा रहा है। जल्द ही ट्रेफिक पुलिस चालान के रसीद कट्टे की जगह पीओएस मशीन रखे हुए नजर आएगी। पुलिसकर्मी यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान काटने के नगद पैसे नहीं लेंगे बल्कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करवाएंगे। ट्रेफिक पुलिस पीओएस मशीन से कार्ड स्वाइप करेगी और उसमें जो रसीद निकलेगी वो वाहन चालक को दी जाएगी।
उस रसीद में चालान की रकम और वजह लिखी होगी यानी अब अलग से चालान काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह व्यवस्था भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में लागू किया जाएगा। यहां के परिणामों के आधार पर इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। तमिलनाडु में इस तरह की ई चालान यातायात व्यवस्था काम कर रही है। तमिलनाडु में अध्ययन के बाद पुलिस मुख्यालय की यातायात शाखा ने ई चालान व्यवस्था ये प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अंतिम मुहर के लिए प्रस्ताव पुलिस महानिदेशक के पास भेजा गया है। अगले एक महीने में प्रदेश के चुनिंदा शहरों में ये नई व्यवस्था शुरु की जा सकती है।
वर्चुअल कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई :
ट्रेफिक से जुड़े मामलों की सुनवाई अब वर्चुअल कोर्ट में होगी। यातायात के लंबित मामलों की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने वर्चुअल कोर्ट की स्थापना का प्रस्ताव भी तैयार किया है। वर्चुअल कोर्ट में फैसले तत्काल हो पाएंगे और वाहन चालक को पेशी पर जाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। इसके लिए ऐसा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाएगा जिससे चालान मशीन और वर्चुअल कोर्ट आपस में कनेक्ट रहेंगे। चालान कटते ही उसकी ई कॉपी वर्चुअल कोर्ट के पास पहुंच जाएगी। इस तरह मामलों के निपटारे तत्काल हो सकेंगे। दिल्ली में ये व्यवस्था लागू है। इस व्यवस्था से पुलिस को एक क्लिक पर वाहन चालक की हिस्ट्री पता चल जाएगी कि उसने कितनी बार ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन किया है।
नेशनल हाइवे पर बनेंगी 80 चौकियां :
प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात उल्लंघन और रोड एक्सीडेंट रोकने लिए 80 चौकियां बनाई जा रही हैं। ये चौकी उन नेशनल हाइवे पर रहेंगी जहां ट्रेफिक का दबाव ज्यादा है। इनमें आगरा-मुंबई यानी एबी रोड, जयपुर-जबलपुर यानी जेजे रोड और जबलपुर-नागपुर जैंसे अंतर्राज्यीय राजमार्ग शामिल हैं। एक पुलिस चौकी को बनाने में करीब पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय स्वास्थ्य विभाग के साथ भी हाईवे पर ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए निजी अस्पतालों को भी आमंत्रित किया जाएगा। जीपीएस सिस्टम वाली हाईवे पेट्रोलिंग की जाएगी ताकि रोड एक्सीडेंट होने पर गोल्डन ऑवर में घायल को ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सके।
- हम ई चालान और वर्चुअल कोर्ट की व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहे हैं। इसमें ई चालान बनेंगे जिसके पैसे लोगों से उनके कार्ड के जरिए लिए जाएंगे ताकि उनकी पुलिस के पैसे वसूलने की शिकायत भी मिट जाएगी। वर्चुअल कोर्ट के जरिए मामलों का जल्द निपटारा हो सकेगा।
- महान भारत सागर स्पेशल डीजी,यातायात -
वर्चुअल कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई :
ट्रेफिक से जुड़े मामलों की सुनवाई अब वर्चुअल कोर्ट में होगी। यातायात के लंबित मामलों की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने वर्चुअल कोर्ट की स्थापना का प्रस्ताव भी तैयार किया है। वर्चुअल कोर्ट में फैसले तत्काल हो पाएंगे और वाहन चालक को पेशी पर जाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। इसके लिए ऐसा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाएगा जिससे चालान मशीन और वर्चुअल कोर्ट आपस में कनेक्ट रहेंगे। चालान कटते ही उसकी ई कॉपी वर्चुअल कोर्ट के पास पहुंच जाएगी। इस तरह मामलों के निपटारे तत्काल हो सकेंगे। दिल्ली में ये व्यवस्था लागू है। इस व्यवस्था से पुलिस को एक क्लिक पर वाहन चालक की हिस्ट्री पता चल जाएगी कि उसने कितनी बार ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन किया है।
नेशनल हाइवे पर बनेंगी 80 चौकियां :
प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात उल्लंघन और रोड एक्सीडेंट रोकने लिए 80 चौकियां बनाई जा रही हैं। ये चौकी उन नेशनल हाइवे पर रहेंगी जहां ट्रेफिक का दबाव ज्यादा है। इनमें आगरा-मुंबई यानी एबी रोड, जयपुर-जबलपुर यानी जेजे रोड और जबलपुर-नागपुर जैंसे अंतर्राज्यीय राजमार्ग शामिल हैं। एक पुलिस चौकी को बनाने में करीब पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय स्वास्थ्य विभाग के साथ भी हाईवे पर ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए निजी अस्पतालों को भी आमंत्रित किया जाएगा। जीपीएस सिस्टम वाली हाईवे पेट्रोलिंग की जाएगी ताकि रोड एक्सीडेंट होने पर गोल्डन ऑवर में घायल को ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सके।
- हम ई चालान और वर्चुअल कोर्ट की व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहे हैं। इसमें ई चालान बनेंगे जिसके पैसे लोगों से उनके कार्ड के जरिए लिए जाएंगे ताकि उनकी पुलिस के पैसे वसूलने की शिकायत भी मिट जाएगी। वर्चुअल कोर्ट के जरिए मामलों का जल्द निपटारा हो सकेगा।
- महान भारत सागर स्पेशल डीजी,यातायात -
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