कारगिल विजय दिवश
यह बात सन 1999 की है जब पाकिस्तान ने भारत भूमि पर भूरी नजर डाल कर कुछ जमीन हथियाने का प्रयत्न किया । जिसके बाद छिड़ा कारगिल का युध्द जो कि लगभग 60 दिन चला ।
कारगिल क्षेत्र में रेजिमेंट 21 शिखलाइ, 8 शिखलाइ , 12 जाट रेजिमेंट , 18 ग्रेनेडियर , नागालैंड आर्मी ओर गोरखा रेजिमेंट ,राजपुताना राइफल्स , राज रेजिमेंट के जवान कारगिल की चोटियों पर तैनात थे ।
सेवानिवृत्त जवानों के अनुसार 13 जैकलाई के जवानों ने सबसे पहले सहादत पाई थी ।
भारत ने कारगिल सेक्टर से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय के नाम से यह युद्ध। शुरू किया ओर इसमे भारतीय सेना की जीत हुई हम सब की जीत हुई। इस युद्ध मे भारतीय सेना को हर तरह की मुश्किल हुई जिसमें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे से ऊपर वार एवं मौसम खराब होना ओर खाना पहुचने मे समस्या ओर अन्य प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा किन्तु सेनिको अदम्भ साहस और पराक्रम से हमने जीत हासिल की ।
यह युद्ध लगभग 1800 फुट की उचाई पर लड़ा था । जो एक अहम चुनोती थी ।
कारगिल युद्ध मे भारतीय सेना के 562 जवान शहीद हुए एवं 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे ।
इस युद्ध मे भारतीय वायु सेना का भी अहम योगदान रहा है जिन्होंने मिग-27 मिग-29 का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी सेना को धमाकों के साथ चितड़े उड़ा दिए एवं भारत भूमि से बाहर खदेड़ फेका । कारगिल विजय की आधिकारिक घोषणा उस समय के माननीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 26 जुलाई को की थी । उसी समय से उन शहिद बलिदानियों के शौर्य और पराक्रम को याद करते हए प्रति वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवश के रूप मानते है ।
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