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चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की वेतन वसूली पर ब्याज से हाईकोर्ट नाराज, स्टे लगाया, जवाब तलब किया



 जबलपुर। श्री सोबरन सोनी, कृषि उपज मंडी, गाडरवाड़ा जिला नरसिंहपुर के आधीन क्लीनर के पद पर कार्यरत हैं। मई 2020 में कथित त्रुटिपूर्ण समयमान वेतनमान एवम गलत वेतन निर्धारण के कारण 12 प्रतिशत ब्याज़ सहित, मंडी के सचिव द्वारा लगभग 116000  रुपये वेतन से वसूली के आदेश जारी किये गए थे।श्री सोबरन सोनी द्वारा उसके बाद विभाग के समक्ष हाज़िर होकर, वसूली का कारण जानने का प्रयास किया गया। मौखिक रूप से वेतन निर्धारण में त्रुटि बताई गई थी। वसूली की राशि माफ करने से मना किया गया, इस बात के होते हुए, की गलत वेतन निर्धारण की ना तो श्री सोनी को जानकारी थी ना ही उनकी निर्धारण में कोई भूमिका थी। मनमाने तरीके से 12 प्रतिशत ब्याज़ भी लगाया गया।

हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष सुनवाई के दौरान, अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय की बातों से प्रथम दृष्टया सहमत होते हुए, सरकारी पक्ष से पूछा गया कि कर्मचारी कम वेतन पाने वाला है। इस वसूली के प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन जीने का अधिकार भी प्रभावित हो सकता है। जीवन जीने का अधिकार मूलभूत अधिकार भी है अतः उच्चतम न्यायालय के अवलोकन के बाद भी, वसूली की अनुमति कैसे दी जा सकती है। वसूली स्थापित नियमों के विरुद्ध भी है। 



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