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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अब त्रिस्तरीय योजना बनाकर लक्ष्य पूरे होंगे


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नीति आयोग के प्रतिनिधियों विशेष रूप से सीईओ श्री अमिताभ कान्त और सलाहकार श्री संजय साहा के वेबीनार में दिए गए संबोधन का उल्लेख करते हुए आश्वस्त किया कि विषय विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण सुझावों और इस वेबीनार श्रृंखला के निष्कर्षों का लाभ मध्यप्रदेश को मिलेगा। प्रदेश में त्रिस्तरीय योजना बनाकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति की जाएगी। प्रथम द्वितीय और तृतीय वर्ष के लक्ष्य के साथ ही वार्षिक लक्ष्य भी प्रत्येक तिमाही में प्राप्त करने की कोशिश होगी। इस वेबीनार को किसी कर्मकांड से उठकर विकास के वास्तविक रोड मैप बनाने का सशक्त माध्यम बनाया गया है।

प्रारंभ में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को कार्य रूप में परिणित करने के लिए वेबीनार का आयोजन किया जा रहा है। अभी शुरूआत में वेबीनार में 80 प्रतिभागी जुड़ चुके है। सभी के अनुभवों का लाभ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में मिलेगा। उन्होंने नीति आयोग के सहयोग के प्रति आभार माना।

नीति आयोग के सी.ई.ओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि मध्यप्रदेश को 3 वर्ष में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी पूरी टीम सहयोग करेगी। मध्यप्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए मिलकर पूर्ण प्रयास किये जायेंगे। प्रदेश में एक डेसबोर्ड बनायेंगे, जिसके माध्यम से सभी जिलों की मासिक रेंकिंग की जा सकेगी। साथ ही कौन सा विभाग कैसा कार्य कर रहा है उसकी जानकारी भी मिलेगी।

नीति आयोग के एडवाईजर श्री संजय कुमार साहा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सभी लोगों को 800 मीटर के अंदर परिवहन का कोई न कोई स्टेशन/साधन उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण में अधिक समय लगने से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है और कार्य समय पर नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए एक कंसल्टेंट जरूर नियुक्त किया जाए। मध्यप्रदेश में बैटरी प्रोडक्शन की फैक्ट्री लगना चाहिए। उन्होंने ऊर्जा रोड एवं हाईवे, जल, शहरी विकास एवं ट्रेवल एण्ड टूरिज्म के संबंध में भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

वेबीनार के नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी ने वेबीनार के विभिन्न ग्रुपों में परिचर्चा में भाग लिया। वेबीनार के विभिन्न सत्रों में भौतिक अधोसंरचना के घटकों के प्रजेंटेशन भी हुए।

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