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मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव ;आचार संहिता में इस बार रहेगा बदलाव

 




भोपाल- 
आयोग इस चुनाव के लिए आचार संहिता में थोड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। इसमें यदि कोई सीट नगर निगम क्षेत्र में आती है तो वहां चुनाव आचार संहिता निगम क्षेत्र में नहीं, बल्कि सिर्फ विधानसभा क्षेत्र तक सीमित रहेगी। यानी बाकी निगम क्षेत्र में कामकाज सामान्य तौर पर जारी रहेंगे। जबकि जिन सीटों में नगर निगम नहीं है, वहां यह पूरे जिले में लागू रहेगी। 28 में से 13 सीटें 7 जिलों के नगर निगम के अंतर्गत हैं तो 15 सीटें 12 जिलों में।

इन जिलों में पूर्ण आचार संहिता

12 जिले-15 सीटें: सांची (रायसेन), अनूपपुर (अनूपपुर), सुवासरा (मंदसौर), बदनावर (धार), ब्यावरा (राजगढ़), अशोकनगर-मुंगावली (अशोकनगर), बामोरी (गुना), करैरा-पोहरी (शिवपुरी), भांडेर (दतिया), बड़ा मलहरा (छतरपुर), मेहगांव-गोहद (भिंड), आगर (आगरमालवा)।

यहां सीमित आचार संहिता

7 जिले-13 सीटें: इंदौर, ग्वालियर, बुरहानपुर, खंडवा, सागर, देवास, मुरैना। इनमें जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, ग्वालियर 15, ग्वालियर पूर्व, डबरा, मांधाता, नेपानगर, हाटपिपल्या, सुरखी, सांवेर।

चुनाव आचार संहिता क्या होती है?

देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आदर्श आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।

कब से कब तक लागू रहती है

आदर्श आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।

आचार संहिता के नियम क्या हैं?

आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी भी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता, जिससे किसी दल विशेष को फायदा पहुंचता हो।आचार संहिता लगने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस/प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।

आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई ?

चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं, अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान भी है।

कैसे लागू होते हैं प्रतिबंध?

चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों के ऐलान से 72 घंटे पहले सरकार से ऐसे कामों की सूची मांग लेता है, जो पहले से चल रहे हैं या अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं।चुनाव आचार संहिता के प्रतिबंध नई योजनाओं के साथ पहले से चल रही योजनाओं और निर्माण कार्यों पर भी लागू होती है। लेकिन जन-उपयोगी योजनाएं, जो पूरी होने की अवस्था में हैं, उन्हें आचार संहिता का बहाना बनाकर बीच में छोड़ा नहीं जा सकता है।जहां काम पूरा हो चुका हो, उसके भुगतान के लिए जरूरी निधि बिना किसी आपत्ति के जारी की जा सकती है।

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