शिवपुरी उपचुनाव में मतदान के लिए अब सिर्फ 10 दिनों का ही समय बचा हुआ है। जिले में पोहरी और करैरा विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहे हैं। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए शहर को अर्द्धसैनिक बलों की 9 कंपनी मिली हैं, जो संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की बागडोर संभालेंगी। जिले का पुलिस बल भी मौजूद रहेगा। पिछले लोकसभा चुनावों में पूरे जिले के लिए 8 कंपनियां मिली थीं। वहीं पिछले विधानसभा चुनावों में पांच विधानसभाओं पर 12 कंपनियां थीं। इस बार सिर्फ दो विधानसभाओं के लिए 9 कंपनियां हैं। इसलिए प्रशासन सुरक्षा के इंतजामों को लेकर आश्वतस्त हैं। इसमें से तीन कंपनियां तो शहर में पहुंच भी चुकी हैं। सुरक्षा के लिए इन कंपनियों के साथ प्रशासन और पुलिस के अलग-अलग दल भी बनाए जा रहे हैं जो लगातार मतदान केंद्रों पर निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। जिन मतदान केंद्रों पर जरूरी होगा, वहां पर ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जाएगी।
दोनों विधानसभाओं में लगभग 157 मतदान केंद्रों को संवेदनशील चि-ति किया गया है। ये ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां पर पूर्व में बड़ी या छोटी घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि अंतिम समय में स्थितियों को देखते हुए इनमें बदलाव भी किया जा सकता है। पोहरी के मुकाबले करैरा में संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या अधिक है।
उपचुनाव के पहले डकैतों ने भी दी है दस्तक
उपचुनाव के पहले धौलपुर के गैंग बैजू गुर्जर और उसके साथी गुड्डा गुर्जर ने क्षेत्र में धकम दी है। कुछ दिनों पूर्व ही गुड्डा गुर्जर ने अपने साथियों के साथ आकर खदान संचालकों ने दो लाख रुपये की प्रोटेक्शन मनी की मांग की थी। गैंग ने गोलियां भी चलाई थीं। इसके बाद एडी टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है। हालांकि अभी तक पुलिस को उनका कोई सुराख नहीं लगा है। पुलिस भले ही इनके उपचुनाव में कोई असर डालने से इनकार कर रही है, लेकिन करैरा विधानसभा में डकैतों के चुनावों को प्रभावित करने का इतिहास रहा है।
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