ग्वालियरहाई कोर्ट की युगल पीठ ने भिंड जिले में सिंध नदी में हो रहे रेत खनन के मामले में जांच के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटी बनाई है। यह कमेटी नदी में कहां-कहां रेत खनन हो रहा है, उसकी मौके पर जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके अलावा सेटेलाइट से (गूगल इमेज) फोटो खींचकर भी पेश करने होंगे।
फोटो के माध्यम से बताना होगा कि नदी के कितने क्षेत्र में और कहां-कहां रेत का खनन हो रहा है। फोटो पूरी तरह क्लीयर होना चाहिए। 4 नवंबर को याचिका पर फिर सुनवाई होगी। लक्षमीनारायण व जितेंद्र सिंह भिंड ने सिंध नदी में हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने तर्क दिया कि नदी में धड़ल्ले से अवैध उत्खनन हो रहा है। इससे नदी के अस्तित्व को भी खतरा है। नदी के पानी से 200 मीटर दूर खनन होना चाहिए, लेकिन पानी के अंदर से ही रेत का खनन किया जा रहा है। पुलिस व प्रशासन इसे रोकने में नाकाम है।
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