मुरैना जिले की अंबाह व दिमनी विधानसभा सीट केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाली हैं। हालांकि अघोषित तौर पर दोनों सीटें व मुरैना की अन्य तीन सीटें सांसद होने के नाते भी केंद्रीय मंत्री की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। अंबाह की 20 अक्टूबर की सभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से केंद्रीय मंत्री तोमर की इज्जत को इन सीटों की जीत से जोड़ दिया है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री के भाषण के बाद फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अंबाह में इस बात को इसलिए कहा, क्योंकि दोनों ही सीटें तोमर बाहुल्य हैं। हालांकि 2013 व 2018 में अंबाह व दिमनी की सीटें भाजपा नहीं जीत पाई थी। खास बात यह है कि ग्वालियर-चंबल अंचल अब तक भाजपा के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का गढ़ माना जाता था। सिंधिया की भाजपा में एंट्री के बाद अब अंचल में दो पॉवर सेंटर हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो इन सीटों की हार जीत से तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद तय होगा।
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