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कियोस्क संचालक ने फर्जीवाड़ा कर खाते से निकाले डेढ़ लाख रुपये



 ग्‍वालियर। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों की सुविधा के लिए जगह जगह कियोस्क बैंकों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे ग्रामीण अपने बैंक खातों से आसानी लेन-देन कर सकें। खेती किसान या मजदूरी से वंचित न हो, लेकिन भारतीय स्टेट बैंक के अधिकृत कियोस्क संचालक अनपढ़ और भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी कर उनके खाते से रुपये निकाल रहे है। बीते दिनों रन्न्ौद क्षेत्र में कियोस्क संचालक ने लगभग एक दर्जन आदिवासी महिलाओं के खातों से रुपये निकालकर धोखाधड़ी की। ऐसा ही एक मामला बदरवास थाना क्षेत्र के ग्राम रैंझा में कियोस्क संचालक ने ग्राम रोजगार सहायक के साथ मिलकर खाताधारक के खाते से 1 लाख 60 हजार रुपये निकालने का मामला प्रकाश में आया है। कियोस्क की धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ित ने सोमवार को थाने पहुंचकर कियोस्क संचालक के खिलाफ आवेदन दिया और कियोस्क संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज करने और रुपये वापस दिलाने की मांग की।

ग्राम रैंझा में रहने वाले पीडित गणेश पुत्र रामचरण आदिवासी ने थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन में बताया कि उसकी पत्नी मीना बाई आदिवासी का विगत अगस्त माह में बीमारी के कारण ग्वालियर में इलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद उसने संबल योजना के तहत सहायता राशि के लिए आवेदन किया था। आवदेन देने के बाद शासन द्वारा विगत 25 सितंबर को मेरे भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक 34539520651 में 2 लाख रुपये की राशि जमा कराई गई। शासन द्वारा भेजी गई राशि को चैक करने के लिए मैं कियोस्क संचालक रामकृष्ण धाकड़ के पास गया था और उसने मेरा अंगूठा लगवाकर कहा कि अभी खाते में कोई राशि नहीं आई है और मुझे घर जाने के लिए कहा। कुछ दिनों बाद मेरे खाते ग्राम पंचायत गढ़ जनपद कोलारस के सचिव मुकेश धाकड़ और उसके भाई कियोस्क संचालक रामकृष्ण धाकड़ निवासी कांठी फर्जी तरीके से मेरे खाते से दो लाख रुपये निकाल लिए।

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