शिवपुरी स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में रविवार को आयोजित परिवार परामर्श केंद्र के शिविर में कुल 17 प्रकरण आमंत्रित किए गए। इनमें कुल 9 प्रकरणों में दोनों पक्ष उपस्थित हुए। परिवार परामर्श केन्द्र के सदस्यों को अपने परामर्श से 6 प्रकरणों में राजीनामा कराने में सफलता मिली। इनमें से एक प्रकरण को आगामी तारीख दी गई है। प्राप्त की वहीं 1 प्रकरण में अगली दिनांक दी गई। दो प्रकरण राजीनामा योग्य नहीं पाए गए इसलिए उन्हें महिला थाना वापस कर दिया गया।
रन्नाौद थाना क्षेत्र के 26 वर्षीय राम का विवाह वहीं के पास के गांव में 24 वर्षीय लता से हुआ था और उनके दो बच्चे भी हैं। पति दुकानदारी से काफी अच्छा कमाता हैं, लेकिन शराब पीकर अपनी पत्नी के साथ लंबे समय से गलत व्यवहार कर रहा था। इसी के कारण विगत दो माह से लता अपने मायके रह रही थी और पुलिस अधीक्षक को उसने आवेदन दिया था। काउंसलरों की समझाईश पर दोनों पति-पत्नि के बीच राजीनामा हो गया। दोनों में सहमति हुई कि अब राम शराब नहीं पीएगा और अलग मकान लेकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहेगा। इसके अतिरिक्त हर माह की पांच तारीख तक वह तीन हजार रूपये खर्च के लिए भी देगा। एक अन्य मामला बदरवास निवासी हरज्ञान का था। हरज्ञान का विवाह तेंदुआ थाना क्षेत्र निवासी रामबाई के साथ हुआ था। हरज्ञान अपनी पत्नी को अच्छी तरह नहीं रखता था और अपशब्दों से प्रताड़ित करता था। हाल ही में रामबाई के हाथ में फ्रैक्चर भी हो गया था और वह गर्भवति भी हैं। पति-पत्नि के मनमुटाव के कारण अभी पत्नी अपने मायके में रह रही थी और मायकेवालों ने ही दस हजार रूपए कर्ज लेकर उसका इलाज कराया। शिविर में दोनों के बीच समझौता हो गया और लडके और उसके पिता ने लिखित में वचन दिया कि अब से अच्छा व्यवहार करेंगे। प्लास्टर कटने के बाद पत्नी बदरवास चली जाएगी। शिविर में अतिेरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर, कंट्रोल रूम प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह राजपूत, राहुल गंगवाल, संतोष शिवहरे, हरवीर सिंह चौहान, डॉ. इकबाल खांन, महिपाल सिंह अरोरा, डॉ. डीके बंसल, डॉ. विजय खन्नाा, नमृता गर्ग, स्नेहलता शर्मा, श्वेता गंगवाल, बिन्दु छिब्बर आदि मौजूद रहे।
शादी कराना चाहते थे दादा इसलिए नातिन थी नाराज
एक अन्य दिलचस्प प्रकरण में शिवपुरी में रह कर पढ़ाई कर रही 22 वर्षीय युवती ने पोहरी निवासी 75 वर्षीय अपने दादा से विवाद हो गया था। क्योंकि दादा बच्ची के ग्रेज्युएट हो जाने के बाद उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन बच्ची आगे पढ़ कर भविष्य बनाना चाहती थी। दरअसल बच्ची की सौतेली मां के कारण वह अलग कमरा लेकर शिवपुरी में रह कर पढ़ रही थी। कुछ खर्चा उसका पिता और कुछ खर्च उसका दादा जो की पेंशनर्स हैं वह बहन करता था। जबकि बच्ची भी ट्यूशन करके कुछ धनोपार्जन कर लेती थी। इस प्रकरण में भी दोनों के बीच समझौता हुआ और अब बच्ची अपनी आगे की पढाई पूरी करेगी।
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