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कल ठेकेदार से 20 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया था, यूआईटी में 3% कमीशन का खेल भी आया सामने

 


नगर सुधार न्यास अलवर के जेईएन नवीन कुमार दुआ को 20 हजार रुपए की रिश्वत के मामले में मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन जेल भेज दिया गया। रिश्वत के इस मामले से यूआईटी में भ्रष्टाचार की बेल सामने आई है। जिस तरह निर्माण कार्यों के बिल पास करने से पहले अधिकारी 3 प्रतिशत कमिशन बतौर रिश्वत लेते हैं ठीक उसी तरह यहां दूसरे कार्यों में भी जमकर रिश्वत ली जाती है।

एसीबी के अधिकारियों को शिकायत
एसीबी के अधिकारियों को ठेकेदार ने बताया था कि प्रत्येक निर्माण के काम की अलग-अलग अधिकारी को रिश्वत जाती है। अधिकारी पद के अनुसार रिश्वत लेते हैं। इस शिकायत को भी एसीबी के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। निर्माण के ऐसे कार्यों की अन्य फाइलों की जांच भी हो सकती है।

पट्टे हो या नाम परिवर्तन, सबमें पैसा
यूआईटी के बाबूओं पर आए दिन आरोप लगते हैं। जो छोटे से पट्टे के आवेदनों की फाइलों को बिना रिश्वत के आगे नहीं बढ़ाते हैं। तभी तो यहां दलाली की परम्परा है। यहां आए दिन अधिकारियों को शिकायत की जाती है। फिर भी जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं है। यूआईटी के पहले भी कई अधिकारी ट्रैप हो चुके हैं।

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