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दान का वास्तविक अर्थ है सहयोग-पं. जितेन्द्र तिवारी


(अक्षय तृतीया पर्व विशेष)

बिर्रा- राज पुरोहित पं जितेन्द्र तिवारी ने अक्षय तृतीया पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान परशुराम जन्मोत्सव को हम अक्षय तृतीया के रूप में मनातें है। अक्षय तृतीया का पर्व पावन मास वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है, शास्त्रों में कहा गया है कि "हस्तस्य भूषणम् दानम्" अर्थात हाथों की शोभा दान से होती है और इस दिन दान का पर्व भी को दान देने से अक्षय फल की प्राप्ति होती हैं आज हम कोविड-19 के महामारी के प्रकोप से  प्रभावित हैं लेकिन इस स्थिति में हम अक्षय तृतीया के इस पावन पर्व को दान की महत्ता से  महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है अर्थात दान का वास्तविक अर्थ है सहयोग की भावना। आप सब से विशेष अनुरोध है कि आप सब covid-19 से प्रभावती जरूरतमंदों की दान स्वरूप भोजन , कपड़े दवाइयां , ऑक्सीजन आदि दान स्वरूप देकर  सहयोग करें , और इस अक्षय तिथि मे इस विपदा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे । आप स्वस्थ रहें मस्त रहें।

*प. जितेंद्र तिवारी जिला प्रवक्ता भगवान परशुराम ब्राह्मण विकास समीति ज़िला जांजगीर-चांपा*

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