भोपाल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और जनता के लिए 5 योजनाएं घोषित की हैं, लेकिन 2 महीने बीत चुके और इनमें से एक योजना के अब तक नियम नहीं बने, जबकि तीन में सिर्फ आवेदन आए हैं। जिन लोगों की संक्रमण से जान गई, सरकार उनके परिवारों को एक-एक लाख रु. देगी, लेकिन एक महीना बाद भी यह योजना अभी सिर्फ कागजों में ही है। इसके कोई नियम नहीं बने हैं।
सिर्फ बेसहारा बच्चों के लिए बनी योजना ही ऐसी है, जिसमें 70% पीड़ितों को आर्थिक मदद मिल गई है। बता दें कि कोरोना योद्धा स्कीम में भी मार्च 2020 से लेकर अभी तक सिर्फ 38 लोगों को ही 50 लाख रुपए के हिसाब से 19 करोड़ रुपए दिए गए, लेकिन ये सभी केस पहली लहर से जुड़े थे।
स्वास्थ्य विभाग ने अपने कोरोना योद्धाओं को केंद्र की प्रधानमंत्री कोरोना योद्धा स्कीम से जोड़ दिया है, जो बीमा कंपनी से वित्तपोषित है। इसमें भी करीब 48 आवेदन स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचे हैं। बहरहाल, कोरोना के बीच ही राज्य सरकार ने आयुष्मान कार्ड स्कीम का विस्तार किया है, जिसे मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना नाम दिया गया। इसमें जरूर 10 हजार से अधिक मरीजों का इलाज हुआ।
38 लोगों को ही कोरोना योद्धा स्कीम में मार्च 2020 से लेकर अभी तक 50 लाख रुपए के हिसाब से 19 करोड़ रुपए दिए गए।
सिर्फ बेसहारा बच्चों की योजना में ही तेजी, अनुकंपा नियुक्ति किसी को नहीं
योजना-1- मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना
एक अप्रैल से 31 मई तक के लिए दोबारा लागू हुई। इसमें संक्रमण ड्यूटी के दौरान यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिजन को 50 लाख रु. और अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। इसका नोडल विभाग राजस्व है।
हकीकत : पहली लहर के 38 केस में परिजनों को 19 करोड़ दिए। दूसरी लहर में 94 आवेदन मिले।
योजना-2- मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना
1 अप्रैल से 31 मई तक के लिए लागू हुई। इसमें कोविड ड्यूटी में किसी शासकीय सेवक, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, स्थाई कर्मी आदि की मौत होती है तो उसके परिजनों काे लाभ मिलेगा। इसका नोडल विभाग वित्त है।
हकीकत : ऑनलाइन आवेदन के लिए एमपी सर्विस पोर्टल पर लिंक के आदेश अभी हुए। 39 आवेदन आए।
योजना-3- मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति
सरकारी सेवा में काम के दौरान कोरोना से एक मार्च से लेकर 30 जून के भीतर मौत होती है तो आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। अनुकंपा नियुक्ति उसी वर्ग तीन और चार के उसी पद पर दी जाएगी, जिस पद पर दिवंगत कर्मचारी होगा। जीएडी इसका नोडल विभाग।
हकीकत : जीएडी के पास सभी विभागों से सिर्फ 14 आवेदन आए हैं। नियुक्ति किसी की नहीं हुई।
योजना-4- मुख्यमंत्री कोविड - 19 बाल सेवा योजना
कोरोना संक्रमण के कारण परिवार के कमाने वाले सदस्य, माता-पिता दोनों की मृत्यु होती है तो आश्रित बालक, बालिका को शिक्षा, आर्थिक सहायता एवं खाद्य की मदद की जाएगी। बाल हितग्राही को 5 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। सरकारी स्कूल में मुफ्त शिक्षा।
हकीकत : महिला बाल विकास विभाग को 395 आवेदन में 323 पात्र मिले। 228 की सहायता मंजूर।
योजना-5- कोरोना में मृत व्यक्ति के परिवार को 1 लाख रुपए
मुख्यमंत्री ने 20 मई को घोषणा की थी कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। यही एक स्कीम थी, जो जनता के लिए बनी।
हकीकत : एक महीना गुजरने के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ। न नियम बने, न ही आवेदन बुलाए।
दिक्कत कहां...एक स्कीम में कलेक्टर की मुहर चाहिए, दूसरे में क्लेम का पेंच
- कोरोना योद्धा स्कीम में जब तक कलेक्टर नहीं कहेंगे, तब तक कोई भी कोरोना योद्धा नहीं माना जा सकता।
- विशेष अनुग्रह योजना में अधिकतम 5 लाख रुपए की मदद का प्रावधान है। किसी शासकीय सेवक के निधन के बाद बनने वाले क्लेम (ग्रेज्युटी और एक्सग्रेसिया) की राशि यदि पांच लाख से कम है तो शेष पैसा सरकार देगी। उदाहरण के तौर पर यदि क्लेम चार लाख रुपए बनता है तो शेष एक लाख रुपए सरकार मिलाकर मृतक के परिजन को पांच लाख रुपए देगी।
- यदि पांच लाख या इससे अधिक क्लेम है तो उसे कोई अनुग्रह राशि नहीं मिलेगी।
- इसी तरह कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उसका निधन 60 दिन के बाद होता है तो वह स्कीम का पात्र नहीं माना जाएगा।

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