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तीसरी लहर से पहले चार गुना किए वेंटिलेटर पहली लहर में थे 70 वेंटिलेटर अब 246 कर दिए, पर ट्रेंड स्टाफ की कमी कहीं न बन जाए तीसरी लहर में आफत, दावे बहुत पर प्रयास कम



ग्वालियर यह तो सभी मान रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। दूसरी लहर के बाद हम कितने तैयार हैं, यह भी सभी जानना चाहते हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने हर जगह मौत का खौफनाक मंजर ही दिखाया था, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका पॉजिटिव असर भी हुआ है।

पहली लहर के समय जिले में सिर्फ 70 वेंटिलेटर हुआ करते थे, वहीं अब तीसरी लहर की तैयारी में इन्हें बढ़ाकर 246 कर दिया गया है। हां वो बात अलग है कि इन वेंटिलेटर को चलाने के लिए अभी ट्रेंड स्टाफ की कमी है, लेकिन दावा है कि सितंबर तक यह कमी भी पूरी कर ली जाएगी। यदि समय रहते इसे दूर नहीं किया गया, तो तीसरी लहर और भी भारी पड़ सकती है।

पहली लहर

कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 में सामने आई थी। जब देश में एक साथ लॉकडाउन लगाया था। उस समय सभी इससे अनजान थे, लेकिन सरकार को पता था कि यह वायरस कितना खतरनाक हो सकता है। पहली लहर में ग्वालियर के JAH (जयारोग्य अस्पताल) में सिर्फ 70 वेंटिलेटर थे। उस समय वेंटिलेटर पर उन्हीं मरीजों को लिया जाता था, जिनकी हालत नाजुक थी। पहली बार वेंटिलेटर कम होने का अहसास हुआ।

दूसरी लहर

कोरोना की दूसरी लहर मार्च 2021 में आई जो अप्रैल, मई और जून तक रही। पहली लहर से सबक लेते हुए यहां वेंटिलेटर बढ़ाकर 150 कर दिए गए। पर दूसरी लहर बेहद खतरनाक थी। दूसरी लहर में डबल म्यूटेंट वायरस ने इतना कहर मचाया कि यह वेंटिलेटर भी कम पड़ गए। इतनी ज्यादा मौत हुई कि किसी ने सोचा नहीं था। ऑक्सीजन, दवाएं, मेडिकल उपकरण हर तरह की कमियां देखने को मिलीं। गंभीर कोविड पेशेंट के परिजन को वेंटिलेटर के लिए झगड़ते और उसके आभाव में लोगों को दम तोड़ते हुए भी देखा।

तीसरी लहर की तैयार

दो लहर गुजरने के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर आना संभावित है। दूसरी लहर में सामने आई कमियों को पूरा करने के लिए शासन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर जुटा है। चाहें वह ऑक्सीजन प्लांट हो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हों या वेंटिलेटर। आज की स्थिति में अकेले JAH पर 225 वेंटिलेटर हैं। सिविल हॉस्पिटल हजीरा में 13 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। मुरार जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। कुल 246 वेंटिलेटर हो गए हैं। अभी और बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

ट्रेंड स्टाफ नहीं होना बन सकता है परेशानी

तीसरी लहर के लिए सिर्फ संसाधन जुटाना ही जरूरी नहीं है। इसके लिए ट्रेंड स्टाफ की जरूरत है। वेंटिलेटर तो बढ़ा लिए, लेकिन उसके लिए ट्रेंड स्टाफ नहीं है। डॉक्टर और नर्स की कमी है। JAH में 300 डॉक्टर हैं। पर जिला अस्पताल मुरार, हजीरा सिविल अस्पताल, सिविल अस्पताल डबरा सहित कई जगह डॉक्टर और नर्सो के पद खाली पड़े हैं। खास तौर पर वेंटिलेटर को चलाने वाले तो है ही नहीं। एक वेंटिलेटर पर एक डॉक्टर व दो नर्स की जरूरत होती है। जल्द यह कमी पूरी नहीं की गई तो तीसरी लहर को बिना असर के निकालने का प्रयास सफल नहीं हो पाएगा।

प्रभारी मंत्री का दावा कमियां दूर करेंगे

  • पहली लहर और दूसरी लहर में दो कमियां सामने आई थीं उनको दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। रही बात स्टाफ की कमी की, इसे CM से चर्चा कर जल्द दूर करेंगे।


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