शिवपुरी जिले की नवगठित नगर परिषद मगरौनी में अपने बेटे, भाई, भतीजे की नौैकरी पक्की करने के लिए सौंपी फर्जी लिस्ट की जांच के लिए प्रशासन ने सोमवार को दल गठित कर दिया है। दैनिक भास्कर में 19 जुलाई 2021 के अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। मामले को संज्ञान लेकर जांच की तरफ कदम बढ़ाया है।
ग्राम पंचायत मगरौनी, किशनपुर और निजामपुर को विलय करके नगर परिषद मगरौनी का गठन हुआ है। तीनों ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों ने फर्जी तरीके से अपने बेटे, भाई, भतीजे व अन्य रिश्तेदारों को ग्राम पंचायत में पहले से कर्मचारी बताकर लिस्ट तैयार कर ली। निकाय में कर्मचारियों के तौर पर मर्ज करने के लिए 107 लोगों की लिस्ट नगर परिषद दफ्तर में सौंप दी। लिस्ट में जो पद दर्शाए हैं, कायदे से वह ग्राम पंचायतों में रहते ही नहीं है। लिस्ट का सत्यापन भी जनपद सीईओ से नहीं कराया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने निर्देश दिए और करैरा एसडीएम अंकुर गुप्ता ने सोमवार को ही जांच दल गठित कर दिया है।
पंचायतों के फाइनल पेमेंट बाकी, लोग कामों की जांच कराने की मांग कर रहे: ग्राम पंचायत मगरौनी, किशनपुर और निजामपुर निकाय में मर्ज हो चुकी हैं। लेकिन अभी इनके फाइनल पेमेंट रुके हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत के कामों की भी जांच कराई जाए। सरपंच-सचिवों द्वारा कराए गए कामों में काफी गड़बड़ी सामने आ जाएगी।

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