खनियांधाना। जिले के खनियाधाना में जिस 2 साल की मासूम की मौत बीमारी के चलते हुई है, उस बच्ची की मौत की वजह डब्ल्यूएचओ तय करेगा। बच्ची की सभी रिपोर्ट्स डब्ल्यूएचओ को भिजवा दी गई है। विभाग का दावा है कि बच्ची की डेंगू की जांच की ही नहीं गई थी। डेथ सर्टिफिकेट में भी डेथ का कारण लंग्स में इन्फेक्शन बताया जा रहा है। वहीं, बच्ची को डेंगू संदिग्ध भी माना जा रहा है।
10 दिन तक झांसी में चला इलाज
खनियाधाना के वार्ड नंबर - 10 में निवासरत दो साल की दृश्या पुत्री प्रियंक की बीते दिनों इलाज के दौरान दिल्ली में हो गई थी। परिजन मौत का कारण डेंगू बता रहे हैं। परिजनों के दावे के बाद शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम दृश्या के घर पहुंची और परिजनों से इससे संबंधित सभी मेडिकल डॉक्यूमेंट कलेक्ट किए।
बीएमओ खनियाधाना डॉ. अमोल सिंह परिहार ने बताया कि बच्ची का बुखार न उतरने पर उन्होंने ही बच्ची को रैफर किया था, जिसके बाद परिजन उसे झांसी ले गए। झांसी में इस बात का खुलासा हुआ कि बच्ची के दिल में छेद है। वहां उसे निमोनिया निकला, लेकिन डेंगू का कोई टेस्ट वहां अथवा दिल्ली में नहीं हुआ। दिल्ली में बच्ची एक दिन भी भर्ती नहीं रही और उसकी डेथ हो गई।
डेथ सर्टिफिकेट में मृत्यु का मुख्य कारण लंग्स में इंफेक्शन बताया गया है। उसके अलावा प्लेटलेट्स कम बताए गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं लिखा है कि प्लेटलेट्स डेंगू के कारण कम हुए। बीएमओ खनियाधाना के अनुसार उन्होंने रिपोर्ट सीएमएचओ सहित डब्ल्यूएचओ को भेज दी है। अब बच्ची की मौत का कारण डब्ल्यूएचओ ही तय करेगी, फिलहाल किसी भी रिपोर्ट में बच्ची को डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है।
इनका कहना है
मैंने रिपोर्ट्स मंगवाई हैं, बच्ची दस दिन झांसी में भर्ती रही। वहां बच्ची के दिल में छेद सहित निमोनिया की पुष्टि हुई। दस दिन में बच्ची से स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे दिल्ली भेज दिया। वहां बच्ची एक दिन भी भर्ती नहीं रही और उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत का मुख्य कारण निमोनिया बताया गया है।
डॉ. पवन जैन,सीएमएचओ शिवपुरी।
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