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नई मुसीबत:फंगल इंफेक्शन में दवाओं का असर कम कराना पड़ रहा 6 माह से ज्यादा इलाज

  ग्वालियर इन दिनों फंंगल इंफेक्शन अपना असर दिखा रहा है। जयारोग्य चिकित्सालय की ओपीडी में स्किन विभाग में दिखाने आने वाले मरीजों में करीब 70 फीसदी मरीज फंगल इंफेक्शन के ही है। आमतौर पर यह बीमारी जुलाई, अगस्त के मौसम में अधिक देखने को मिलती है लेकिन इस बार अक्टूबर माह में भी इसके मरीज जयारोग्य चिकित्सालय की ओपीडी में अधिक आ रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार फंगल इंफेक्शन के मरीजों को लंबा समय तक दवाओं का उपयोग करना पड़ रहा है। आमतौर पर ढाई से तीन माह तक दवा लेकर मरीज ठीक हो जाता था। फंगल इंफेक्शन के मरीजों में देखा गया है कि दवाओं ने असर कम हो रहा है।

इसका प्रमुख कारण बीच-बीच में दवाएं बंद कर देना, स्टीरॉयड का अधिक उपयोग करना के साथ-साथ दवाओं के प्रति रजिस्टेंट पाॅवर विकसित होना है। विशेषज्ञों का कहना है कि फंगल इंफेक्शन होने पर विशेषज्ञ की सलाह पर ही दवा लें, स्टीरॉयड का उपयोग बिल्कुल भी न करें।

केस 1 स्टीरॉयड क्रीम का ज्यादा उपयोग बना घातक, बेअसर हुईं दवाएं

भिंड निवासी दशरथ सिंह (50) को फंगल इंफेक्शन की परेशानी 2 साल से है। जेएएच के डॉक्टरों ने पाया कि फंगल इंफेक्शन ठीक न होने का कारण स्टीरॉयड क्रीम का ज्यादा यूज करना है, जबकि यह क्रीम इस बीमारी में नहीं दी जाती है। वह यहां 4 माह से इलाज ले रहे हैं और पहले से आराम है।

केस 2 बीमारी में आराम न मिलने पर बीच में बंद कर दी थी दवा लेना
मुरार निवासी प्रणव माहेश्वरी (5) को फंगल इंफेक्शन की परेशानी एक साल से है और वह इलाज भी ले रहे हैं। डॉक्टरों ने पाया कि प्रणव ने बीच में बीमारी से आराम मिलने पर दवा बंद कर दी थी जिसके कारण यह परेशानी हाे रही है।

मरीज छोड़ देते हैं दवा लेना, जबकि पूरा इलाज लेना जरूरी

फंगल इंफेक्शन के मरीज इन दिनों अधिक आ रहे हैं। कई मरीज ऐसे हैं जिन्होंने विशेषज्ञ की सलाह के बिना स्टीरॉयड का प्रयोग अधिक किया। फंगल इंफेक्शन में स्टीरॉयड का प्रयोग करना बहुत हानिकारक है। स्टीरॉयड के अधिक उपयोग से चमड़ी तक खराब हो सकती है। इसलिए फंगल इंफेक्शन होने पर स्किन रोग विशेषज्ञ को दिखाकर पूरा इलाज लें।

-डॉ. अनुभव गर्ग, विभागाध्यक्ष, स्किन रोग विभाग, जीआरएमसी

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