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रेल प्रशासन की तैयारी:ग्वालियर स्टेशन से माेतीझील तक नैराेगेज ट्रैक पर हैरिटेज ट्रेन चलेगी, रेलवे ने की घोषणा



ग्वालियर  सिंधिया रियासत काल में शुरू हुई नैरोगेज ट्रेन भले ही ग्वालियर से श्योपुर के बीच डेढ़ साल पहले बंद हो चुकी है, लेकिन यह ट्रेन सिर्फ इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर नहीं रहेगी बल्कि रेलवे नैरोगेज को हैरिटेज लुक में सिटी ट्रेन के तौर पर 8 किमी दायरे में चलाएगा।

इसके लिए रेल प्रशासन तैयारी कर रहा है। इस ट्रेन को ग्वालियर स्टेशन से मोतीझील तक चलाया जाएगा। रेलवे ने यह योजना इंडियन स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन के सुझाव पर बनाई है। इसकी पुष्टि सोमवार को उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने की।

सबसे पहले दैनिक भास्कर ने उठाया था मुद्दा

दैनिक भास्कर ने 6 अगस्त 2018 के अंक पहली बार यह खबर प्रकाशित की थी कि नैरोगेज ट्रेन के ट्रैक का उपयोग शहर की यातायात समस्या के समाधान के लिए सिटी ट्रेन चलाकर किया जा सकता है। इसके बाद ही इसकी योजना पर काम शुरू हुआ।

आईआरएसडीसी ने मार्च 2021 में किया था सर्वे, सिंधिया ने लिखा था रेलमंत्री को पत्र

आईआरएसडीसी ने ग्वालियर से मोतीझील तक 8 किमी दायरे में नैरोगेज ट्रेन को हैरिटेज ट्रेन के तौर पर चलाने के लिए मार्च 2021 में सर्वे किया था। इसके बाद जिला प्रशासन को इस पर अमल करने के लिए सुझाव दिया था। केंद्रीय नागरिक उड्‌डय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी नैरोगेज ट्रेन को सिटी ट्रेन (हैरिटेज) के तौर पर चलाने का सुझाव स्मार्ट सिटी की बैठक में दे चुके हैं।

इसके बाद से रेल प्रशासन अब नैरोगेज ट्रेन को हैरिटेज ट्रेन के तौर पर चलाने की योजना तैयार कर रहा है। सिंधिया ने तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गाेयल को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि नैरोगेज ट्रेन को शहर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हैरिटेज ट्रेन के रूप में चलाने की मंजूरी दी जाए।

रेल यार्ड में 18 माह से 40 कोच और 11 नैरोगेज इंजन खड़े-खड़े खा रहे धूल

ग्वालियर-श्योपुर के बीच 6 नैरोगेज ट्रेन 18 माह पहले तक चलती थीं, लेकिन कोरोना के दस्तक देने के बाद से इन ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। अब 189 किमी नैरोगेज ट्रैक को ब्रॉडगेज में तब्दील करने का काम शुरू हो चुका है। इससे 40 कोच और 11 इंजन रेलयार्ड में खड़े जंग खा रहे हैं।

साथ ही नैरोगेज को बंद करने का नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ट्रैक उखाड़ने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। ब्रॉडगेज का काम पूरा करने का लक्ष्य रेलवे ने दिसंबर 2024 रखा है। सिंधिया रियासतकाल में नैरोगेज ट्रेन शहर के अंदर चलती थी।

अभी रूट पर तीन स्टेशन हैं एक और बनाया जाएगा
ग्वालियर से मोतीझील तक ग्वालियर, घोसीपुरा और मोतीझील स्टेशन हैं। यहां नैरोगेज ट्रैक बिछा हुआ है। गोपाचल पर्वत से फूलबाग के बीच एक स्टेशन और विकसित होगा, ताकि हर दो किमी मेंे पर्यटकांे के लिए स्टेशन मिल सके।

116 साल पुरानी विरासत को बचाने की कवायद
शहर में नैरोगेज ट्रेन 1905 में शुरू हुई थी। तब ग्वालियर से कंपू कोठी और मुरार, के बीच चलती थी। तत्कालीन शासक माधौराव सिंधिया ने लाइट नैरोगेज ट्रेन चलाई थी। यह लश्कर, मुरार और हजीरा तीनों उपनगरों को ग्वालियर से जोड़ने वाली इस ट्रेन को बाद में श्योपुर तक चलाया गया था। अब 116 साल पुरानी विरासत को बचाने के लिए रेलवे ने पहल की है।

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