बिर्रा-आश्विन मास कृष्ण पक्ष से पंद्रह दिनों का पितृपक्ष में हम सभी अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने उनकी पूजा-अर्चना कर तिलांजली अर्पित करतें।इस बीच दिवंगत आत्मा को याद कर पितृ मिलन के साथ विशेष तर्पण करते हैं। इसी तरह विशेष मातृ नवमी पर मातृ स्वरूपा दादी,परदादी सहित पीढ़ियों को याद करते हुए उनकी आशीर्वाद की मंगलकामनाएं भी करते हैं।इस पाक्षिक पितृपक्ष का समापन चतूर्दशी से शुरू हो गया है। अमावस्या को सभी पितृदेवों का विसर्जन कर शुभाशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। इस संबंध में राजपुरोहित पं. जितेन्द्र तिवारी बिर्रा ने बताया कि पितर श्राद्ध करके मातृ-पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
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